ओल्ड राजेंद्र नगर कोचिंग मामले में हाईकोर्ट ने पुलिस को लगायी फटकार कोर्ट ने कहा एमसीडी को भंग करो
We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / विवेक श्रीवासतव
नई दिल्ली:- दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग सेंटर में तीन छात्रों की मौत के मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी। इसके साथ ही कोर्ट ने पुलिस को कड़ी फटकार लगाई। दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन की अध्यक्षता वाली पीठ ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी घुसने से तीन छात्रों की मौत के मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने कहा, 'मामले की गंभीरता को देखते हुए हम जांच सीबीआई को सौंप रहे हैं।'
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कोर्ट ने पुलिस को लगाई फटकार
मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस मनमोहन ने पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा, 'यह अच्छी बात है कि आपने जैसे ड्राइवर को गिरफ्तार किया, वैसे ही पानी का चालान भी नहीं काटा। पूरा मामला आपराधिक लापरवाही का है। जिम्मेदार लोगों को ढूंढिए। आपने कीमती समय बर्बाद किया। आपने फाइल जब्त नहीं की। हो सकता है कि अब तक उन्हें बदल दिया गया हो। क्या जांच इसी तरह होती है?''
एमसीडी को भंग किया जाना चाहिए
दिल्ली हाईकोर्ट ने आगे कहा, 'हर कोई एक-दूसरे पर जिम्मेदारी थोपता रहता है। वे मिलकर लोगों के लिए काम नहीं करते। एमसीडी कमिश्नर को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी नालों की सफाई हो। अगर उन पर अतिक्रमण है तो उसे हटाया जाना चाहिए। एमसीडी अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर पा रही है। ऐसा लगता है कि एमसीडी को भंग कर दिया जाना चाहिए। दिल्ली की सिविल एजेंसियों के पास काम के लिए फंड नहीं है। दिल्ली में नागरिक सुविधाओं का पूरा ढांचा पुराना हो चुका है।'
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हाईकोर्ट ने की ये अहम टिप्पणियां
इस बीच, पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए ड्राइवर मनुज कथूरिया के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का आरोप हटा दिया गया और गुरुवार को उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया। जब कोर्ट ने पूछा कि क्या उन्हें पता है कि बिल्डिंग प्लान को किसने मंजूरी दी, तो दिल्ली पुलिस ने जवाब दिया कि उन्होंने इसके बारे में पूछा था।
यह सुनते ही दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, "आप ऐसे बात करते हैं जैसे आपके पास कोई ताकत ही नहीं है। आखिर आप पुलिस हैं। आपको सब कुछ मिल जाएगा। आप जाकर एमसीडी ऑफिस से फाइलें जब्त कर सकते हैं। आपको बताना होगा कि यह कैसे करना है? आपके अधिकारी नौसिखिए नहीं हैं। उन्हें पता होना चाहिए कि यह कैसे करना है।" इसके साथ ही कोर्ट ने कहा, क्या कोई अपराधी आपके सामने आकर अपना अपराध कबूल करेगा?
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