उतराखंड में मूसलाधार बारिश ने लगा दी चार धाम यात्रा पर रोक बादल फटने से दो पुल बहे
We News 24 Digital News» रिपोर्टिंग सूत्र / उर्विदत गैरोला
देहरादून:- उत्तराखंड में बुधवार (31 जुलाई) को हुई मूसलाधार बारिश के कारण केदारनाथ मार्ग का करीब 25 मीटर हिस्सा बह गया है। इसके कारण आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है। सोनप्रयाग में नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सोनप्रयाग और गौरीकुंड को खाली करा लिया है। नदी किनारे बने होटल और ढाबों को भी खाली करा लिया गया है। केदारनाथ मार्ग पर कई जगह पैदल रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इसके कारण यात्रियों को फिलहाल जहां हैं, वहीं सुरक्षित रहने के निर्देश दिए गए हैं।
बुधवार दोपहर से शुरू हुई बारिश
उत्तराखंड में बुधवार दोपहर के बाद शुरू हुई मूसलाधार बारिश ने पहाड़ों से लेकर मैदानों तक कहर बरपा दिया है। आफत बनकर आई बारिश ने गढ़वाल और कुमाऊं के विभिन्न इलाकों में जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। नदियां उफान पर आ गई हैं। लगातार हो रही बारिश के कारण चारधाम यात्रा मार्ग कई जगह मलबा और पत्थर गिरने से अवरुद्ध हो गया है। सोनप्रयाग में मुख्य बाजार से करीब एक किमी आगे नदी के कटाव और पहाड़ी दरकने से सड़क का 25 मीटर से अधिक हिस्सा बह गया।
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चार धाम यात्रा पर रोक
फिलहाल इस मार्ग पर पैदल आवाजाही की संभावना नहीं है। इसके चलते यात्रियों को भी फिलहाल रोक दिया गया है। गौरीकुंड के आसपास जंगल चट्टी और भीमबली क्षेत्र, भीमबली पुलिस चौकी से आगे पुलिस चौकी और लिनचोली पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए हैं। इन मार्गों पर रुक-रुक कर पत्थर गिर रहे हैं। इसके चलते आवाजाही खतरनाक बनी हुई है।
प्रशासन ने तीर्थयात्रियों से की अपील
हालांकि देर रात बारिश थमने के बाद नदियों का जलस्तर कम हो गया है। रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने केदारनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों से अपील की है कि जो भी यात्री जहां हैं, वहीं सुरक्षित रहें। यात्री फिलहाल केदारनाथ यात्रा स्थगित कर दें, क्योंकि सोनप्रयाग से आगे मोटर मार्ग और पैदल मार्ग की स्थिति ठीक नहीं है। जब मार्ग ठीक हो जाएगा और यात्रा सुचारू हो जाएगी, तो यात्रियों को सूचना भेजकर यात्रा सुचारू कर दी जाएगी।
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हालात को देखते हुए सोनप्रयाग और गौरीकुंड को खाली करा लिया गया है। गौरीकुंड में मंदाकिनी का जलस्तर बढ़ गया था, जिससे नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। वहीं, गौरी माई मंदिर को भी खाली करा लिया गया है। भारी बारिश के कारण तप्तकुंड बह गया। वहीं, सोनप्रयाग में पुलिस प्रशासन ने पार्किंग को खाली कराकर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मामले का संज्ञान लिया
भारी बारिश के चलते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज देर रात सचिव आपदा प्रबंधन को फोन कर भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्रों और राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी ली और संबंधित विभाग के अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए।
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बादल फटने से दो पुल बहे
केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर भीमबली क्षेत्र में दो पुल बह गए, जहां बादल फटने की सूचना थी। पैदल यात्रा मार्ग पूरी तरह से समाप्त हो गया है। यह स्थान केदारनाथ पैदल मार्ग पर रामबाड़ा से थोड़ा पहले है, गौरतलब है कि 2013 की आपदा में रामबाड़ा नक्शे से मिट गया था। केदारनाथ पैदल मार्ग पर फंसे श्रद्धालुओं को एसडीआरएफ द्वारा रेस्क्यू कर आपातकालीन हेलीपैड पर लाया जा रहा है। कुछ और यात्री भी फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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