We News 24 Hindi / रिपोर्टिंग सूत्र / अंजली कुमारी
ढाका- बांग्लादेश के सुनामगंज में हिंदू समुदाय के खिलाफ हुई हिंसा और तोड़फोड़ के मामले ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान खींचा है। इस घटना ने न केवल स्थानीय शांति को प्रभावित किया, बल्कि मानवाधिकार और अल्पसंख्यक सुरक्षा के मुद्दे को भी उजागर किया है।
बांग्लादेश के सुनामगंज में हिंदू समुदाय के घरों, दुकानों और लोकनाथ मंदिर में तोड़फोड़ करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने 170 लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया है, जिसमें 12 के नाम शामिल हैं. आरोपियों की पहचान अलीम हुसैन, सुल्तान अहमद राजू, इमरान हुसैन और शाहजहां हुसैन के रूप में हुई है.
यह गिरफ्तारी भारतीय विदेश सचिव के बांग्लादेश दौरे के कुछ दिनों बाद की गई है. फेसबुक पोस्ट से फैला तनाव 3 दिसंबर को सुनामगंज निवासी आकाश दास की एक फेसबुक पोस्ट से तनाव पैदा हो गया था. उन्होंने पोस्ट डिलीट कर दी, लेकिन स्क्रीनशॉट वायरल हो गया, जिसके बाद हिंसा हुई. पुलिस ने तुरंत आकाश दास को गिरफ्तार कर लिया और सुरक्षा कारणों से उन्हें दूसरी जगह ट्रांसफर कर दिया.
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अमेरिकी संसद में उठा मुद्दा उसी दिन भीड़ ने हिंदू समुदाय के घरों, दुकानों और लोकनाथ मंदिर में तोड़फोड़ की थी. बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचारों को तत्काल रोकने के लिए हमारे पास मौजूद हर संभव साधन का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।'
व्हाइट हाउस ने जारी किया था बयान
वहीं, व्हाइट हाउस ने गुरुवार को कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडेन स्थिति पर नज़र रख रहे हैं और अमेरिका देश में धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अंतरिम सरकार को जवाबदेह ठहराएगा।
घटना की पृष्ठभूमि और कार्रवाई
तनाव का कारण:
- विवाद की शुरुआत हिंदू युवक आकाश दास की फेसबुक पोस्ट से हुई।
- पोस्ट को हटाने के बावजूद स्क्रीनशॉट वायरल होने से हिंसा भड़क गई।
हिंसा की घटना:
- भीड़ ने हिंदू समुदाय के घरों, दुकानों और लोकनाथ मंदिर पर हमला किया।
- पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आकाश दास को गिरफ्तार कर दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया।
पुलिस की कार्रवाई:
- 170 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, जिनमें 12 नामजद हैं।
- चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिकी संसद में मुद्दा:
- भारतवंशी सांसद श्री थानेदार ने अमेरिकी कांग्रेस में इस मुद्दे को उठाया।
- उन्होंने बांग्लादेश सरकार पर दबाव डालने और हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
व्हाइट हाउस का बयान:
- राष्ट्रपति जो बाइडन बांग्लादेश की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।
- अमेरिका ने धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को जवाबदेह ठहराने की बात कही है।
प्रसंग और संवेदनशीलता
- भारत-बांग्लादेश संबंध:यह घटना भारतीय विदेश सचिव की बांग्लादेश यात्रा के कुछ दिन बाद हुई, जिससे यह भारत-बांग्लादेश संबंधों के संदर्भ में महत्वपूर्ण हो जाती है।
- मानवाधिकार और अल्पसंख्यक सुरक्षा:बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले पहले भी चिंता का विषय रहे हैं। इस घटना ने फिर से धार्मिक सौहार्द्र और अल्पसंख्यक अधिकारों की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए हैं।
निष्कर्ष और आगे का रास्ता
इस घटना ने धार्मिक सहिष्णुता और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर जोर देने की जरूरत को रेखांकित किया है।
- बांग्लादेश सरकार की जिम्मेदारी: हिंसा में शामिल आरोपियों पर सख्त कार्रवाई कर उदाहरण पेश करना।
- अंतरराष्ट्रीय दबाव: अमेरिका और अन्य देशों का अल्पसंख्यकों के अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश पर दबाव।
- भारत की भूमिका: भारत को इस मुद्दे पर कूटनीतिक तरीके से बांग्लादेश सरकार के साथ चर्चा करनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसे विवादों को रोका जा सके।
यह घटना बांग्लादेश में धार्मिक सौहार्द्र बनाए रखने की चुनौतियों को उजागर करती है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए एक मजबूत मानवाधिकार एजेंडा लागू करने की आवश्यकता को स्पष्ट करती है।
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