We News 24 Hindi / रिपोर्टिंग सूत्र / अजय कुमार
नई दिल्ली :- देशभर में चर्चित अतुल सुभाष सुसाइड केस में बेंगलुरु पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। टीम ने आरोपी पत्नी निकिता सिंघानिया, उसकी मां निशा और उसे आत्महत्या के लिए उकसाने वाले भाई अनुराग को गिरफ्तार कर लिया है। पत्नी निकिता को गुरुग्राम से जबकि मां और भाई को प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तारी के बाद सभी को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। अतुल के भाई विकास कुमार ने बेंगलुरु के मराठाहल्ली थाने में शिकायत की थी।
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बेंगलुरु पुलिस ने मामले की जांच करते हुए शनिवार को उसकी पत्नी को गुरुग्राम के सेक्टर 57 से गिरफ्तार कर लिया। बेंगलुरु पुलिस ने रविवार को इस केस की जानकारी गुरुग्राम पुलिस से साझा की। बताया जाता है कि निकिता सिंघानिया एक्सेंचर इंडिया कंपनी में सीनियर एआई इंजीनियरिंग कंसल्टेंट के पद पर काम करती हैं। यह कंपनी मुख्य रूप से आईटी कंसल्टिंग, टेक्नोलॉजी सर्विसेज और बिजनेस ऑपरेशन में माहिर है। एक्सेंचर का मुख्यालय भारत में बेंगलुरु में है और गुरुग्राम के डीएलएफ साइबर सिटी में भी इसका ऑफिस है। निकिता कई सालों से इसी ऑफिस में काम कर रही थी। वह यहां सेक्टर 57 में ब्लॉसम पीजी में रहती थी।
अतुल सुभाष आत्महत्या मामले ने व्यापक ध्यान आकर्षित किया है, क्योंकि इसमें घरेलू विवाद, कानूनी प्रताड़ना, और न्याय व्यवस्था की चुनौतियों को उजागर किया गया है। घटना से जुड़े मुख्य बिंदुओं पर ध्यान दें:
मामले की पृष्ठभूमि
शादी और विवाद:
- अतुल सुभाष और निकिता सिंघानिया की शादी 2019 में एक मेट्रोमोनियल साइट के जरिए हुई थी।
- 2020 में उनके घर एक बच्चा हुआ।
- शादी के शुरुआती डेढ़ साल तक सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन इसके बाद रिश्तों में खटास आ गई।
- निकिता अपने बच्चे को लेकर मायके चली गई और फिर अतुल पर शादी के दो साल बाद पत्नी ने दहेज उत्पीड़न और अप्राकृतिक यौन शोषण समेत नौ केस अतुल के खिलाफ दर्ज करा दिए।
कानूनी परेशानियां:
- निकिता और उनके परिवार ने अतुल पर कुल 9 मामले दर्ज किए, जिनकी वजह से वह लगातार कोर्ट के चक्कर काटने को मजबूर था।
- इस कानूनी प्रताड़ना और व्यक्तिगत परेशानियों के चलते अतुल मानसिक तनाव में आ गया।
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आत्महत्या से पहले का घटनाक्रम
सुसाइड नोट और वीडियो:
- अतुल ने आत्महत्या से पहले 24 पन्नों का सुसाइड नोट लिखा और 90 मिनट का वीडियो बनाया, जिसमें उसने अपनी पत्नी और ससुराल वालों द्वारा की गई प्रताड़ना का खुलासा किया।
- वीडियो में अतुल ने न्याय प्रणाली की खामियों को भी उजागर किया, जिसमें उसने कहा कि उसे बार-बार कोर्ट के चक्कर काटने पड़े और उसे कोई राहत नहीं मिली।
- अतुल आत्महत्या के वक्त जो टीर्शट पहनी थी, उस पर जस्टिस इस ड्यू लिखा था .अतुल ने आत्महत्या के लिए पत्नी, ससुराल वालों और न्यायिक व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया था।
- अतुल ने आरोप लगाया था कि इन मामलों को सेटल करने के लिए उनसे तीन करोड़ रुपये की डिमांड की गई थी।
परिवार का बयान:
- अतुल के माता-पिता ने बताया कि वह अपनी परेशानियों को उनसे साझा नहीं करता था।
- 34 वर्षीय अतुल ने केस के सिलसिले में लगभग 40 बार कोर्ट के चक्कर लगाए।
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पुलिस कार्रवाई और गिरफ्तारी
आरोपियों की गिरफ्तारी:
- पत्नी निकिता सिंघानिया को गुरुग्राम से गिरफ्तार किया गया।
- उसकी मां निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया को प्रयागराज से गिरफ्तार किया गया।
- सभी आरोपियों को बेंगलुरु पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला:
- एफआईआर में निकिता के चाचा सुशील सिंघानिया का भी नाम है। उनकी तलाश जारी है।
जमानत याचिका:
- इलाहाबाद हाईकोर्ट में आरोपियों ने अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी, लेकिन पुलिस ने जांच को तेज करते हुए गिरफ्तारी कर ली।
मामले के कानूनी और सामाजिक पहलू
कानूनी दुरुपयोग:
- यह मामला घरेलू हिंसा और कानूनी दुरुपयोग का गंभीर उदाहरण है, जिसमें एक व्यक्ति को बार-बार कानूनी झंझटों में उलझाकर प्रताड़ित किया गया।
- यह भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने (Section 306) के स्पष्ट आरोपों को इंगित करता है।
न्याय प्रणाली पर सवाल:
- अतुल ने अपने नोट और वीडियो में न्याय व्यवस्था की खामियों पर सवाल उठाए, जिसमें कानूनी मामलों के लंबे समय तक खिंचने और पीड़ित को राहत न मिलने की बात शामिल है।
सामाजिक प्रभाव:
- यह घटना वैवाहिक विवादों और उनके समाधान के लिए न्यायिक प्रणाली में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
- घरेलू मामलों में कानूनों के दुरुपयोग पर भी बहस छिड़ी है, जहां कई बार निर्दोष पक्ष को प्रताड़ित किया जाता है।
निष्कर्ष
अतुल सुभाष की आत्महत्या एक दुखद घटना है, जो व्यक्तिगत और कानूनी प्रताड़ना के कारण हुई।
- मामले में पुलिस की सक्रियता सराहनीय है, लेकिन यह घटना न्याय व्यवस्था में सुधार और वैवाहिक मामलों के हल के लिए त्वरित और निष्पक्ष प्रक्रिया की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
- यह भी जरूरी है कि ऐसे मामलों में मानसिक स्वास्थ्य सहायता और कानूनी सुरक्षा के लिए कदम उठाए जाएं।
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