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शुक्रवार, 27 दिसंबर 2024

नेपाल के भोले भाले लोगो को निशाना बना रहे निचिरेन शोशु धर्मांतरण संस्था के जापानी लोग

नेपाल के भोले भाले लोगो को निशाना बना रहे निचिरेन शोशु धर्मांतरण संस्था के जापानी लोग
निचिरेन शोशु धर्मांतरण संस्था नेपाल में धर्मांतरण कराते हुए 







We News 24 Hindi / काठमांडू संवाददाता


काठमांडू:- नेपाल में धर्मांतरण का मुद्दा एक संवेदनशील और बहस का विषय है। अगर "निचिरेन शोशु" जैसे धार्मिक संगठन पर निर्दोष लोगों को निशाना बनाकर उनका धर्मांतरण करने का आरोप लग रहा है, तो इसे समझना और सही जानकारी हासिल करना ज़रूरी है। यह स्थिति बेहद चिंताजनक है और समाज के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है। निचिरेन शोशु जैसे धर्मांतरण संगठनों द्वारा नेपाल के सीधे साधे लोगों को बहला-फुसलाकर उनका धर्मांतरण करने के आरोप संवेदनशील विषय हैं और इनकी गहन जांच की ज़रूरत है।

निचिरेन शोशु धर्मांतरण संस्था नेपाल में धर्मांतरण कराते हुए
निचिरेन शोशु धर्मांतरण संस्था नेपाल में धर्मांतरण कराते हुए की  तस्वीर 


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यह नेपाल में धर्मांतरण से जुड़ी संवेदनशीलता और इसके सामाजिक प्रभावों को दर्शाता है। धर्मांतरण जैसे मुद्दे अक्सर धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान से जुड़े होते हैं और जब इन मामलों में लालच, रिश्वत या अवैध गतिविधियों का आरोप लगाया जाता है, तो यह और भी विवादास्पद हो जाता है।


निचिरेन शोशु धर्मांतरण संगठन के पुजारी और जापानी लोग धर्मांतरण कार्यक्रम के लिए पूर्व में नेपाल आए
निचिरेन शोशु धर्मांतरण संगठन के पुजारी और जापानी लोग धर्मांतरण कार्यक्रम के लिए पूर्व में नेपाल आए 

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कुछ प्रशासनिक अधिकारियों पर मिलीभगत करके हर महीने लाखों रुपये की रिश्वत लेने और इन गतिविधियों को समर्थन देने का आरोप लग रहा है। वहीं, कुछ लोग पैसे और नौकरी के लालच में जापानियों से मिलीभगत कर रहे हैं। कुछ लोग ऐसे हैं जो अपने लोगों और अपने देश के प्रति जागरूक हैं। उन्होंने निचिरेन शोशु धर्मांतरण संगठन के खिलाफ प्रशासनिक शिकायत दर्ज कराई है। 


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यह शिकायत इस बात का संकेत है कि स्थानीय लोग अपने सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों की रक्षा के प्रति सजग हैं। भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए और प्रशासन में पारदर्शिता लाई जानी चाहिए। संबंधित अधिकारियों को रिश्वतखोरी और वित्तीय लेन-देन की जांच करने का निर्देश दिया जाना चाहिए। यह पता लगाया जाना चाहिए कि प्रशासनिक अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारियों का दुरुपयोग तो नहीं किया है। 




सूत्रों से जानकारी मिली है  शिकायत दर्ज होने के बाद निचिरेन शोशु संगठन के विदेशी सदस्य, खासकर जापानी नागरिक, काठमांडू छोड़कर चले गए हैं। यह उनके संभावित अपराधों से बचने का प्रयास हो सकता है?



नेपाल में मुद्दा:

नेपाल, एक बहु-धार्मिक देश होने के कारण, धार्मिक सहिष्णुता को महत्व देता है। हाल के वर्षों में, धर्मांतरण के आरोप विभिन्न संगठनों पर लगते रहे हैं।

 

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मुख्य चिंताएँ इस प्रकार हो सकती हैं:

भोले-भाले लोगों को निशाना बनाना: समाज के कमजोर वर्गों को आर्थिक सहायता, शिक्षा धन, नौकरी, या अन्य सुविधाओं का लालच देकर धर्मांतरण के लिए प्रभावित करना।यह न केवल नैतिक रूप से गलत है बल्कि सामाजिक सौहार्द और सांस्कृतिक ताने-बाने को भी कमजोर करता है।



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संविधान का उल्लंघन: 

नेपाल का संविधान जबरन धर्मांतरण पर रोक लगाता है। सांस्कृतिक और सामाजिक ताना-बाना: धर्मांतरण स्थानीय संस्कृति और पारंपरिक धार्मिक आस्थाओं में असंतुलन पैदा कर सकता है।


संस्थाओं की गुप्त गतिविधियाँ:

निचिरेन शोशु जैसे संगठनों की गुप्त गतिविधियों का नेपाल में विस्तार होना गंभीर चिंता का विषय है।

इन संगठनों द्वारा धार्मिक प्रचार के नाम पर अवैध तरीकों से धन का इस्तेमाल किया जा रहा है।



अवैध धन का उपयोग:

जापान में धोखाधड़ी और दान से अर्जित धन को नेपाल में धार्मिक प्रचार और धर्मांतरण में लगाए जाने की आशंका है।

FATF जैसी एजेंसियों द्वारा इस पैसे के स्रोत की जांच होनी चाहिए ताकि अवैध धन के प्रवाह पर रोक लगाई जा सके।

नेपाली नागरिकों के नाम पर संपत्ति खरीदना:

आरोप यह है कि निचिरेन शोशु संस्था ने कानूनी कार्रवाई से बचने और स्थानीय कानूनों को धोखा देने के लिए नेपाली नागरिकों के नाम पर मंदिर बनाने के लिए संपत्ति खरीद कर नेपाल सरकार से टेक्स की चोरी की है । यह न केवल एक कानूनी उल्लंघन है, बल्कि देश के भीतर विदेशी हस्तक्षेप की कोशिश भी हो सकती है।


समाधान और जागरूकता:

कानूनी कार्यवाही: सरकार को ऐसे संगठनों की गतिविधियों की जांच करनी चाहिए। यदि धर्मांतरण में जबरदस्ती या धोखे का उपयोग होता है, तो उन्हें रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाने चाहिए।

इस तरह के धर्मांतरण से नेपाल की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता पर खतरा उत्पन्न हो सकता है।

भोले-भाले लोगों को गुमराह कर उनकी धार्मिक आस्था को बदलने का प्रयास सामाजिक अस्थिरता को जन्म दे सकता है।

शिक्षा और जागरूकता: लोगों को धर्मांतरण से जुड़ी सच्चाई और कानूनी अधिकारों के बारे में शिक्षित करना।

स्थानीय संगठनों की भूमिका: स्थानीय समुदाय और धार्मिक संगठनों को इस मुद्दे पर एक साथ आकर सांस्कृतिक और सामाजिक सद्भाव बनाए रखना चाहिए।

मीडिया और संवाद: निष्पक्ष मीडिया रिपोर्टिंग और सार्वजनिक चर्चा से लोगों को सही जानकारी मिल सकती है।

आप इस विषय पर गहराई से जानकारी चाहते हैं, तो इसे और अधिक विस्तार से अध्ययन करना और प्रामाणिक स्रोतों से पुष्टि करना आवश्यक है।

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