काठमांडू में निचिरेन शोशु संप्रदाय की गुप्त बैठक: धर्मांतरण, वीजा उल्लंघन और आपराधिक गतिविधियों पर गंभीर सवाल
मुख्य तथ्य:
गुप्त बैठक का आयोजन
काठमांडू के इम्पीरियल होटल में 14 दिसंबर 2024 को एक संदिग्ध बैठक हुई, जिसमें 8 जापानी नागरिक (जिनमें निचिरेन शोशु संप्रदाय के सदस्य शामिल थे) और 14 नेपाली नागरिकों ने भाग लिया।
बैठक को औपचारिक रूप से "सदस्य जागृति एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम" का नाम दिया गया था, लेकिन आरोप है कि इसका वास्तविक उद्देश्य धर्मांतरण और अवैध गतिविधियों की रूपरेखा तय करना था .
वीजा नियमों का उल्लंघन
जापानी नागरिक पर्यटक या व्यापारिक वीजा पर नेपाल आए थे, लेकिन उनकी गतिविधियाँ धार्मिक प्रचार से जुड़ी थीं, जो वीजा शर्तों का उल्लंघन है।
नेपाल में धर्मांतरण गैरकानूनी है, और ऐसी गतिविधियाँ देश के कानून और संविधान के खिलाफ हैं .
आर्थिक अनियमितताएँ
संगठन पर हवाला और हुंडी के माध्यम से पैसों का लेन-देन करने का आरोप है।
काठमांडू-भक्तपुर क्षेत्र में एक भव्य धर्मांतरण मंदिर का निर्माण किया जा रहा है, जिस पर सालाना 5 करोड़ रुपये खर्च होने का दावा किया गया है .
मीडिया और विरोधियों को धमकियाँ
पत्रकारों को रिपोर्टिंग रोकने के लिए धमकाया गया।
स्थानीय लोगों को लालच देकर या दबाव बनाकर संगठन की गतिविधियों में शामिल किया जा रहा है।
विरोध करने वालों पर झूठे मुकदमे दर्ज कराने और यकुजा (जापानी माफिया) द्वारा धमकी देने के आरोप हैं .
अंतरराष्ट्रीय पृष्ठभूमि
निचिरेन शोशु संप्रदाय को अर्जेंटीना, ब्राजील और अन्य देशों में भी विवादों के कारण प्रतिबंधित किया जा चुका है।
1998 में अर्जेंटीना सरकार ने इस संगठन का पंजीकरण रद्द कर दिया था, क्योंकि इसके सदस्यों ने मदर टेरेसा के खिलाफ अपमानजनक बयान दिए थे .
प्रभाव और चुनौतियाँ
सामाजिक-धार्मिक असर: धर्मांतरण की गतिविधियाँ नेपाल की सांस्कृतिक एकता को खतरे में डाल सकती हैं।
कानूनी चुनौतियाँ: नेपाल सरकार को वीजा नियमों को सख्त करने और हवाला लेनदेन पर नजर रखने की आवश्यकता है।
मीडिया की सुरक्षा: पत्रकारों को धमकाने की घटनाएँ लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए खतरा हैं।
आगे की कार्रवाई के लिए सुझाव
जाँच और निगरानी:
नेपाल और भारत की खुफिया एजेंसियों को संयुक्त जांच करनी चाहिए।
होटलों और धार्मिक स्थलों पर निगरानी बढ़ाई जाए।
स्थानीय जागरूकता:
लोगों को धर्मांतरण के खतरों के बारे में शिक्षित किया जाए।
अंतरराष्ट्रीय सहयोग:
जापानी सरकार से इन गतिविधियों की जाँच में सहयोग माँगा जाए।
निष्कर्ष
यह मामला धार्मिक उग्रवाद, आर्थिक अपराध और कानूनी उल्लंघन का जटिल मिश्रण है। नेपाल सरकार को तत्काल कार्रवाई करके इन गतिविधियों पर अंकुश लगाना चाहिए, ताकि देश की सामाजिक शांति और कानून व्यवस्था बनी रहे।
#धर्मांतरण #नेपाल #निचिरेनशोशु #काठमांडू #अवैधगतिविधियाँ
स्रोत: वी न्यूज 24, स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स और अंतरराष्ट्रीय केस स्टडीज
कोई टिप्पणी नहीं
कोमेंट करनेके लिए धन्यवाद