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    ट्रंप ने US: H-1B वीजा मामले में नहीं मानी समर्थकों की बात,एलन मस्क का दिया साथ

     

    ट्रंप ने US: H-1B वीजा मामले में नहीं मानी समर्थकों की बात,एलन मस्क का दिया साथ





    We News 24 Hindi / अमित मेहलावत 


    नई दिल्ली :- अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अब देश में आव्रजन नीति पर जारी बहस में कूद गए हैं. इसी के साथ ट्रंप ने अपने पारंपरिक समर्थकों के बजाय उद्योगपति एलन मस्क और विवेक रामास्वीमा का समर्थन किया है.डोनाल्ड ट्रंप द्वारा एच-1बी वीजा पर दिए गए हालिया बयान ने अमेरिका में आव्रजन नीति पर एक नई बहस को जन्म दिया है। ट्रंप, जिन्होंने पारंपरिक रूप से कठोर आव्रजन नीतियों का समर्थन किया था, अब एलन मस्क और विवेक रामास्वामी जैसे नेताओं की बात से सहमति जताते हुए उच्च प्रशिक्षित कर्मचारियों के लिए विशेष वीजा कार्यक्रम की जरूरत पर जोर दे रहे हैं।



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    ट्रंप का बयान:

    डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें हमेशा से एच-1बी वीजा पसंद रहा है, और उन्होंने इसे बनाए रखने का समर्थन किया है। यह बयान उनके पारंपरिक समर्थकों के रुख के विपरीत है, जो आव्रजन नीति के खिलाफ सख्त रुख अपनाते रहे हैं।


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    एच-1बी वीजा पर जारी विवाद:

    1. परंपरागत ट्रंप समर्थक:

      • ट्रंप समर्थक आव्रजन नीति को सख्त बनाने के पक्ष में हैं और एच-1बी वीजा का विरोध कर रहे हैं।
      • उनका कहना है कि यह वीजा अमेरिकी नागरिकों की नौकरियां छीनता है।
    2. एलन मस्क और विवेक रामास्वामी का समर्थन:

      • मस्क का कहना है कि अमेरिका में उच्च प्रशिक्षित टैलेंट की कमी है।
      • उन्होंने तर्क दिया कि बेहतरीन इंजीनियरिंग टैलेंट के बिना सिलिकॉन वैली और अमेरिका की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता पर असर पड़ेगा।
      • विवेक रामास्वामी ने भी एच-1बी वीजा का समर्थन करते हुए कहा कि कुशल विदेशी कर्मचारियों को लाना अमेरिका की प्रगति के लिए जरूरी है।



    श्रीराम कृष्णन और विवाद की जड़:

    इस बहस का एक और अहम कारण श्रीराम कृष्णन की ट्रंप प्रशासन में संभावित नियुक्ति है। भारतीय मूल के कृष्णन को ट्रंप ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मामलों के सलाहकार के रूप में चुना है।

    • आलोचना का कारण:
      • ट्रंप के अतिवादी समर्थकों ने उनकी नियुक्ति की आलोचना की।
      • श्रीराम ने यह कहा था कि कौशल रखने वाले योग्य विदेशी कामगारों को वर्क वीजा और ग्रीन कार्ड मिलना चाहिए।
      • इसे ट्रंप की आव्रजन नीतियों के खिलाफ बताया जा रहा है।

    एलन मस्क का पक्ष:

    मस्क ने कहा कि अमेरिका में कुशल इंजीनियरों की कमी से सिलिकॉन वैली और अन्य क्षेत्रों को नुकसान हो सकता है। उनका मानना है कि विदेशी टैलेंट को रोकने की बजाय प्रोत्साहित करना चाहिए, ताकि अमेरिका तकनीकी और आर्थिक क्षेत्रों में आगे बढ़ सके।


    निष्कर्ष:

    ट्रंप की नई स्थिति उनके समर्थकों के लिए असमंजस का कारण बन रही है, क्योंकि यह उनके पूर्व के आव्रजन विरोधी रुख के विपरीत है। एच-1बी वीजा विवाद यह दर्शाता है कि अमेरिका में आव्रजन नीति न केवल एक राजनीतिक मुद्दा है बल्कि आर्थिक और सामाजिक बहस का भी केंद्र बन चुका है।

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