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    नेपाल में निचिरेन शोशु धर्मांतरण संगठन के जापानी सदस्य पर कसने जा रहा है FDI का शिकंजा

     

    नेपाल में निचिरेन शोशु धर्मांतरण संगठन के जापानी सदस्य पर कसने जा रहा है FDI का शिकंजा










    We News 24 Hindi / काठमांडू संवाददाता

    काठमांडू :- नेपाल में निचिरेन शोशु धर्मांतरण संगठन के जापानी सदस्यों के खिलाफ प्रशासन की बढ़ती सख्ती अब विदेशी निवेश (FDI) के दायरे में भी जांच की ओर इशारा कर रही है। ऐसा माना जा रहा है कि इन विदेशी सदस्यों ने नेपाल में अवैध रूप से वित्तीय गतिविधियां संचालित की हैं, जिनमें धर्मांतरण के लिए धन का दुरुपयोग शामिल हो सकता है। 


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    आरोप है कि जापानी सदस्यों ने नेपाल में अवैध रूप से वित्तीय साधनों का उपयोग करते हुए धर्मांतरण गतिविधियों को प्रोत्साहन दिया। नेपाल में FDI के तहत आने वाले धन का उपयोग केवल निर्दिष्ट परियोजनाओं और व्यवसायों के लिए होना चाहिए, जबकि धर्मांतरण गतिविधियां इसके दायरे से बाहर हैं। नेपाल के FDI नियम किसी भी धार्मिक या गैर-व्यावसायिक उद्देश्य के लिए विदेशी निवेश के उपयोग पर प्रतिबंध लगाते हैं। यदि धर्मांतरण के लिए धन का दुरुपयोग हुआ है, तो यह सीधे FDI नियमों का उल्लंघन है।



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     नेपाल की सरकार और संबंधित एजेंसियां अब इन गतिविधियों की निगरानी कर रही हैं। वित्तीय स्रोतों और धन के प्रवाह का पता लगाने के लिए कड़ी जांच की जा रही है। अवैध FDI के माध्यम से धर्मांतरण न केवल कानूनी मुद्दा है, बल्कि यह नेपाल की सांस्कृतिक और सामाजिक संरचना को प्रभावित करता है। विदेशी हस्तक्षेप के कारण स्थानीय समुदायों में धार्मिक असंतुलन और असहमति की स्थिति बन सकती है। FDI और विदेशी वित्तीय गतिविधियों पर सख्त निगरानी की जरूरत है।


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    सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि विदेशी निवेश केवल कानूनी और नैतिक उद्देश्यों के लिए उपयोग हो।दोषी पाए जाने पर न केवल संगठन पर, बल्कि शामिल व्यक्तियों पर भी कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। यह मुद्दा नेपाल के कानून और विदेशी निवेश प्रबंधन के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षा बन गया है। सही कदम उठाने से यह सुनिश्चित होगा कि नेपाल की संप्रभुता और सामाजिक स्थिरता बनी रहे।

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