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    साउथ दिल्ली की 10 में से 6 सीटों पर कड़ा मुकाबला, महरौली में बाबा बालक नाथ दे रहे हैं कड़ी टक्कर

    साउथ दिल्ली की 10 में से 6 सीटों पर कड़ा मुकाबला, महरौली में बाबा बालक नाथ दे रहे हैं कड़ी टक्कर








    We News 24 Hindi / गौतम कुमार 


    नई दिल्ली :- दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर दक्षिणी दिल्ली के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। दक्षिणी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में कांटे की टक्कर और व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप ने इस चुनावी मुकाबले को और अधिक दिलचस्प बना दिया है। इस क्षेत्र में 10 विधानसभा सीटों पर त्रिकोणीय संघर्ष (आप, भाजपा, कांग्रेस) जारी है।


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    मुख्य चुनावी बिंदु:

    1. कालकाजी सीट:

      • आप: मुख्यमंत्री आतिशी दूसरी बार जीतने की कोशिश कर रही हैं।

      • भाजपा: रमेश बिधूड़ी पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं और कड़ी टक्कर दे रहे हैं।

      • कांग्रेस: अलका लांबा ने मुकाबले को और रोचक बना दिया है।

      • मुख्य मुद्दा: दोनों प्रमुख उम्मीदवारों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।



    छतरपुर में एक ही कुनबे के प्रत्याशियों में घमासान

    छतरपुर सीट पर एक ही कुनबे के भाजपा और आप प्रत्याशियों के बीच घमासान हो रहा है। यहां पर भाजपा के करतार सिंह तंवर और आप ने ब्रह्म सिंह तंवर के बीच बराबर की लड़ाई है।
    करतार सिंह पूर्व में आप और ब्रह्म सिंह भाजपा से विधायक रह चुके हैं। इसके अलावा तुगलकाबाद सीट पर भी आप से दो बार के विधायक सहीराम पहलवान को भाजपा के रोहताश बिधूड़ी कड़ी टक्कर देते हुए नजर आ रहे हैं। अभी तुगलकाबाद में भाजपा के वरिष्ठ नेतृत्व की जनसभा भी हो सकती है।

    1. छतरपुर सीट:

      • आप: ब्रह्म सिंह तंवर।

      • भाजपा: करतार सिंह तंवर।

      • कांग्रेस: राजेंद्र तंवर।

      • एक ही परिवार के उम्मीदवारों (करतार और ब्रह्म सिंह) के बीच मुकाबला दिलचस्प बन गया है।


    मेहरौली में बाबा बालक नाथ दे रहे है टक्कर 

    महरौली में बाबा बालक नाथ, गजेंद्र यादव और महेंद्र चौधरी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। छतरपुर में भी भाजपा और आप के बीच सीधा मुकाबला देखने को मिल रहा है। महरौली में भाजपा ने गजेंद्र यादव और आप ने महेंद्र चौधरी पर दांव लगाया है। दोनों ही मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के लिए दिन-रात क्षेत्र का दौरा करने में जुटे हुए हैं। लेकिन महरौली में गजेंद्र यादव का एक ऑडियो वायरल होने के बाद गजेंद्र यादव की स्थिति कमजोर होती नजर आ रही है। यहां निर्दलीय प्रत्याशी बाबा बालक नाथ आप और भाजपा को कड़ी टक्कर दे रहे हैं।




     आप के स्टार प्रचारक पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी यहां जनसभा कर चुके हैं। संगम विहार सीट पर भी इस बार आप और भाजपा आमने-सामने हैं। यहां चुनावी जंग आप से तीन बार विधायक रह चुके दिनेश मोहनिया और भाजपा के चंदन चौधरी के बीच है।

    1. महरौली सीट:

      • निर्दलीय : बाबा बालक नाथ 

      • आप: महेंद्र चौधरी।

      • भाजपा: गजेंद्र यादव।

      • कांग्रेस: पुष्पा सिंह।



    बदरपुर में कांग्रेस प्रत्याशी के आने से रोचक हुआ मुकाबला
    वहीं, 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के खाते में आई एकमात्र बदरपुर सीट पर भी कड़ा मुकाबला हो गया है। यहां पर आप के रामसिंह नेता जी को भाजपा के एनडी शर्मा कड़ी चुनौती दे रहे हैं।

    इस सीट पर रामसिंह दो और एनडी शर्मा एक बार विधायक रह चुके हैं। इस सीट पर इन दोनों प्रत्याशियों के अलावा तीन अन्य प्रत्याशी हैं। आप के रामसिंह और कांग्रेस के अर्जुन भड़ाना गुर्जर समाज से हैं जबकि एनडी शर्मा ब्राह्मण हैं। इसलिए यहां पर गुर्जर मतदाता बंट सकते हैं। इससे भाजपा को फायदा मिल सकता है।
    1. बदरपुर सीट:

      • आप: राम सिंह नेताजी।

      • भाजपा: नारायण दत्त शर्मा।

      • कांग्रेस: अर्जुन भड़ाना।

      • जातिगत समीकरण: गुर्जर मतदाताओं के बीच बंटवारे से भाजपा को फायदा हो सकता है।
    2. संगम विहार सीट:

      • आप: दिनेश मोहनिया (तीसरी बार विधायक)।
      • भाजपा: चंदन चौधरी।
      • कांग्रेस: हर्ष चौधरी।

    दक्षिणी दिल्ली का राजनीतिक परिदृश्य:

    • 10 विधानसभा सीटों पर आप और भाजपा के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल रही है।
    • कांग्रेस तीसरे मोर्चे की भूमिका में है, लेकिन कुछ सीटों पर वह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

    दिल्ली विधानसभा चुनाव में कुल 70 सीटों पर तीन प्रमुख पार्टियों, आम आदमी पार्टी (AAP), भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस, के उम्मीदवारों के बीच मुकाबला है। यहां सीटवार विवरण दिया गया है:

    मुख्य बिंदु:

    1. आम आदमी पार्टी (AAP): दिल्ली में सत्ता में होने के कारण इसका प्रदर्शन काफी अहम है। अरविंद केजरीवाल का चेहरा सबसे प्रभावशाली है।
    2. भारतीय जनता पार्टी (BJP): केंद्र में सत्तासीन पार्टी दिल्ली में अपने प्रदर्शन को सुधारने के लिए पूरी ताकत लगा रही है।
    3. कांग्रेस: अपनी खोई जमीन वापस पाने की कोशिश कर रही है, लेकिन अधिकांश सीटों पर कांग्रेस त्रिकोणीय संघर्ष में तीसरे स्थान पर है।

    प्रमुख सीटों पर मुकाबला:

    1. नई दिल्ली (New Delhi):

      • आप: अरविंद केजरीवाल
      • भाजपा: प्रवेश वर्मा
      • कांग्रेस: संदीप दीक्षित
    2. कालकाजी (Kalkaji):

      • आप: आतिशी
      • भाजपा: रमेश बिधूड़ी
      • कांग्रेस: अलका लांबा
    3. ओखला (Okhla):

      • आप: अमानतुल्लाह खान
      • भाजपा: मनीष चौधरी
      • कांग्रेस: अरीबा खान
    4. मटिया महल (Matia Mahal):

      • आप: आले मोहम्मद इकबाल
      • भाजपा: दीप्ति इंदौरा
      • कांग्रेस: आसिम अहमद खान
    5. राजिंदर नगर (Rajinder Nagar):

      • आप: दुर्गेश पाठक
      • भाजपा: उमंग बजाज
      • कांग्रेस: विनीत यादव
    6. पटपड़गंज (Patparganj):

      • आप: मनीष सिसोदिया
      • भाजपा: रविंद्र सिंह नेगी
      • कांग्रेस: अनिल चौधरी
    7. मालवीय नगर (Malviya Nagar):

      • आप: सोमनाथ भारती
      • भाजपा: सतीश उपाध्याय
      • कांग्रेस: जितेंद्र कोचर
    8. ग्रेटर कैलाश (Greater Kailash):

      • आप: सौरभ भारद्वाज
      • भाजपा: शिखा राय
      • कांग्रेस: गर्वित सिंघवी
    9. करावल नगर (Karawal Nagar):

      • आप: मनोज त्यागी
      • भाजपा: कपिल मिश्रा
      • कांग्रेस: डॉ. पीके मिश्रा
    10. बाबरपुर (Babarpur):

      • आप: गोपाल राय
      • भाजपा: अनिल वशिष्ठ
      • कांग्रेस: हाजी मोहम्मद इशराक खान

    अन्य प्रमुख सीटों पर प्रमुख उम्मीदवार:

    सीट का नामआप उम्मीदवारभाजपा उम्मीदवारकांग्रेस उम्मीदवार
    नरेलाशरद चौहानराज करण खत्रीअरुणा कुमारी
    बुराड़ीसंजीव झाशैलेंद्र कुमार (जदयू)मंगेश त्यागी
    रोहिणीप्रदीप मित्तलबिजेंद्र गुप्तासुमेश गुप्ता
    चांदनी चौकपुनर्दीप सिंह साहनीसतीश जैनमुदित अग्रवाल
    द्वारकाविनय मिश्राप्रद्युम्न राजपूतआदर्श शास्त्री

    मुख्य मुद्दे:

    1. आप: बिजली-पानी सब्सिडी, शिक्षा और स्वास्थ्य मॉडल।
    2. भाजपा: केंद्र की नीतियां और केजरीवाल सरकार पर आरोप।
    3. कांग्रेस: पुनरुत्थान की कोशिश और पारंपरिक वोटबैंक पर फोकस।

    निष्कर्ष:

    दिल्ली में आप और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है, जबकि कांग्रेस अपनी उपस्थिति बनाए रखने की कोशिश कर रही है। 5 फरवरी को मतदान के बाद परिणाम तय करेंगे कि दिल्ली की राजनीति किस दिशा में जाएगी।

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