महरौली विधानसभा में बीजेपी की जीत,गजेंद्र यादव ने महेंद्र चौधरी को हराया
We News 24 Hindi / रिपोर्टिंग सूत्र / दीपक कुमार
नई दिल्ली :- दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे आना शुरू हो गए हैं, और इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) दो दशक से अधिक समय बाद एक बार फिर दिल्ली की सत्ता में वापसी करने की ओर अग्रसर है। चुनाव में AAP के कई दिग्गज नेता हार का सामना कर रहे हैं, जिसमें पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शामिल हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजे AAP के लिए एक बड़ा झटका हैं। पार्टी के दिग्गज नेताओं की हार और भाजपा की बढ़त से स्पष्ट है कि दिल्ली की जनता ने बदलाव का फैसला किया है। अब यह देखना होगा कि AAP इस हार से कैसे उबरती है और भविष्य में क्या रणनीति अपनाती है।
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दिल्ली की सभी 70 सीटों पर पांच फरवरी को मतदान हुआ था और इस बार 60.54 फीसदी मतदान हुआ है, जबकि दिल्ली में पिछली बार 62.60 प्रतिशत मतदान हुआ था। दिल्ली विधानसभा चुनाव रिजल्ट को लेकर सबसे तेज पल-पल का अपडेट्स पढ़िए- वी न्यूज 24 पर
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मेहरौली विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी गजेन्द्र यादव ने आम आदमी पार्टी (AAP) के महेंद्र चौधरी को 1,782 वोटों के अंतर से हराकर जीत हासिल की है। यह जीत भले ही भाजपा के लिए एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन यह बहुत कम मार्जिन से हासिल हुई है, जो गजेन्द्र यादव की लोकप्रियता और जनता के बीच उनकी स्वीकार्यता पर सवाल खड़े करती है।
मेहरौली विधानसभा सीट के नतीजे:
गजेन्द्र यादव (भाजपा): 48,349 वोट
महेंद्र चौधरी (AAP): 45,567 वोट
बाबा बालक नाथ (निर्दलीय): 9,731 वोट
पुष्पा सिंह (कांग्रेस): 9,338 वोट
योगेश्वर सिंह बिष्ट (बसपा): 778 वोट
महावीर सिंह (मातृभूमि सेवा पार्टी): 181 वोट
शारदा सिंह (राईट टू रिकॉल पार्टी): 140 वोट
विजय लाल तमता (पीपल पार्टी इंडिया): 104 वोट
नोटा (NOTA): 845 वोट
विश्लेषण:
गजेन्द्र यादव की जीत: गजेन्द्र यादव की ये जीत को पीएम मोदी के भाषण और भाजपा की राष्ट्रीय लहर का परिणाम है। हालांकि, यह जीत बहुत कम मार्जिन से हासिल हुई है, जो यह दर्शाता है कि मेहरौली की जनता ने गजेन्द्र यादव को पूरी तरह से स्वीकार नहीं किया है। गजेन्द्र यादव अपने ही क्षेत्र में हार चुके हैं, जिससे उनकी लोकप्रियता पर सवाल उठते हैं। गजेन्द्र यादव पर जनता ये भी आरोप लगाती रही है की उनका बोलचाल की भाषा ठीक नहीं है .
महेंद्र चौधरी की लोकप्रियता: महेंद्र चौधरी गजेन्द्र यादव से ज्यादा लोकप्रिय हैं, लेकिन AAP की राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर चुनौतियों के कारण वह चुनाव नहीं जीत पाए।
यदि भाजपा ने किसी और प्रत्याशी को मैदान में उतारा होता, तो जीत का अंतर 30,000 वोटों से अधिक हो सकता था।
निर्दलीय उम्मीदवार बाबा बालक नाथ: बाबा बालक नाथ ने 9,731 वोट हासिल किए, जो उनकी लोकप्रियता को दर्शाता है। हालांकि, उनकी लोकप्रियता वोटों में पूरी तरह से तब्दील नहीं हो पाई। उनके समर्थकों ने जुलूस और रैलियों में भीड़ जुटाई, लेकिन यह वोट बैंक में परिवर्तित नहीं हो सका।
कांग्रेस और अन्य दल: कांग्रेस की पुष्पा सिंह ने 9,338 वोट हासिल किए, जो कांग्रेस के लिए निराशाजनक है। अन्य छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी नगण्य वोट हासिल किए।
भविष्य की चुनौतियाँ:
गजेन्द्र यादव के लिए: गजेन्द्र यादव को अगले पांच सालों में मेहरौली की जनता का विश्वास जीतना होगा। उन्हें विकास कार्यों और जनता की समस्याओं के समाधान पर ध्यान केंद्रित करना होगा। यदि वे ऐसा करने में विफल रहते हैं, तो अगले चुनाव में उनकी हार निश्चित है।
AAP के लिए: AAP को इस हार से सबक लेना चाहिए और अपनी रणनीति में बदलाव करना चाहिए। महेंद्र चौधरी की लोकप्रियता को देखते हुए, AAP को अगले चुनाव में उन्हें फिर से मैदान में उतारना चाहिए।
निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए: बाबा बालक नाथ जैसे निर्दलीय उम्मीदवारों को अपनी लोकप्रियता को वोटों में बदलने के लिए बेहतर रणनीति बनानी होगी।
निष्कर्ष:
मेहरौली विधानसभा सीट पर भाजपा की जीत हालांकि एक सकारात्मक संकेत है, लेकिन यह जीत बहुत कम मार्जिन से हासिल हुई है। गजेन्द्र यादव को अगले पांच सालों में जनता का विश्वास जीतने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। वहीं, AAP को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा और निर्दलीय उम्मीदवारों को भी अपनी लोकप्रियता को वोटों में बदलने के लिए नए तरीके खोजने होंगे।
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