भारत का संविधान: आपके अधिकार और महत्व ,आइये जानते है संविधान के बारे में
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नई दिल्ली:- भारत का संविधान भारत का सर्वोच्च कानूनी दस्तावेज़ है, जो देश के शासन, नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों, सरकार के संरचना और कार्यप्रणाली को परिभाषित करता है। यह दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है और इसे 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था, जबकि इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया। यही कारण है कि 26 जनवरी को भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दुनिया का सबसे विस्तृत लिखित संविधान है, जिसमें सरकार की संरचना, नागरिकों के अधिकार और कर्तव्य, तथा न्यायिक प्रक्रिया सहित कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं।
भारतीय संविधान की प्रमुख विशेषताएं:
लिखित और विस्तृत संविधान:
भारत का संविधान लिखित और अत्यंत विस्तृत है। इसमें भारत के संविधान में 25 भाग, 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां, 5 परिशिष्ट, और 104 संशोधन हैं. यह देश का सर्वोच्च कानून है. यह नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को परिभाषित करता है. अनुसूचियाँ शामिल हैं (संशोधनों के साथ यह संख्या बदलती रहती है)।
इसमें लगभग 145,000 शब्द थे, जिससे यह अब तक का अंगीकृत किया जाने वाला सबसे लंबा राष्ट्रीय संविधान बन गया। संविधान के प्रत्येक अनुच्छेद पर संविधान सभा के सदस्यों द्वारा बहस की गई,
संविधान का निर्माण और समयावधि:
भारतीय संविधान के निर्माण में 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा।
संविधान सभा ने इस दौरान 11 सत्र आयोजित किए और 167 दिनों तक बहस की।
संविधान सभा के सदस्यों ने प्रत्येक अनुच्छेद पर गहन विचार-विमर्श किया, जिससे यह एक समावेशी और संतुलित दस्तावेज़ बना।
संविधान की प्रस्तावना:
प्रस्तावना संविधान का आधार है और इसमें भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया है।
यह नागरिकों को न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व का आश्वासन देती है।
प्रस्तावना संविधान के मूल उद्देश्यों और आदर्शों को दर्शाती है।
सरकार का संसदीय स्वरूप:
भारत का संविधान सरकार के एक संसदीय स्वरूप का प्रावधान करता है, जो संघीय ढाँचे के साथ कुछ एकात्मक विशेषताओं को जोड़ता है।
राष्ट्रपति संघ की कार्यकारिणी का संवैधानिक प्रमुख होता है।
संसद के दो सदन हैं: राज्य सभा (काउंसिल ऑफ स्टेट्स) और लोकसभा (हाउस ऑफ द पीपल)।
संविधान के मुख्य रचनाकार:
डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान का मुख्य रचनाकार माना जाता है। उन्होंने संविधान सभा की प्रारूप समिति की अध्यक्षता की और संविधान के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद, जो भारत के पहले राष्ट्रपति बने, ने संविधान पर हस्ताक्षर करने वाले पहले व्यक्ति के रूप में इतिहास रचा।
संविधान की हस्तलिखित प्रति:
भारतीय संविधान हस्तलिखित है और इसे श्री प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा ने लिखा था।
यह हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में लिखा गया है।
संविधान के प्रत्येक पृष्ठ को शांतिनिकेतन के कलाकारों द्वारा सजाया गया था, जिनमें बेहर राममनोहर सिन्हा और नंदलाल बोस शामिल थे।
संविधान की विशेषताएँ:
लचीलापन और कठोरता:
भारतीय संविधान में संशोधन की प्रक्रिया लचीली और कठोर दोनों है। कुछ संशोधन संसद के साधारण बहुमत से किए जा सकते हैं, जबकि कुछ के लिए विशेष बहुमत और राज्यों की सहमति की आवश्यकता होती है।मौलिक अधिकार और नीति निदेशक तत्व:
संविधान नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान करता है और राज्य को नीति निदेशक तत्वों का पालन करने का निर्देश देता है।न्यायपालिका की स्वतंत्रता:
संविधान न्यायपालिका को स्वतंत्र और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए प्रावधान करता है।धर्मनिरपेक्षता:
भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जहाँ सभी धर्मों को समान सम्मान दिया जाता है।
वर्तमान स्थिति:
भारतीय संविधान में समय-समय पर संशोधन किए गए हैं। अब तक 100 से अधिक संविधान संशोधन हो चुके हैं।
संविधान की मूल प्रति संसद के पुस्तकालय में सुरक्षित रखी गई है।
यह दस्तावेज़ न केवल भारत के शासन का आधार है, बल्कि यह देश की एकता, अखंडता और लोकतंत्र की रक्षा करता है।
संविधान के प्रमुख बिंदु:
भाग: 25 (प्रारंभ में 22, लेकिन संशोधनों के बाद बढ़े)
अनुच्छेद: 448 (मूल रूप से 395, लेकिन संशोधनों के कारण बढ़े) अनुसूचियाँ: 12 (मूल रूप से 8, बाद में जोड़ी
गईं) परिशिष्ट: 5 (संविधान की विस्तृत व्याख्या के लिए)
संशोधन: 104 (अब तक किए गए महत्वपूर्ण बदलाव)
संविधान की कुछ विशेषताएँ:
संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य की व्यवस्था
मौलिक अधिकार (अनुच्छेद 12-35)
मौलिक कर्तव्य (अनुच्छेद 51A)
नीति निदेशक तत्व (अनुच्छेद 36-51)
संविधान संशोधन प्रक्रिया (अनुच्छेद 368)
अर्ध-कठोर और लचीला स्वरूप (संशोधन के लिए विशेष प्रक्रिया)
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भारत के संविधान के 25 भाग और उनके अनुच्छेद
भाग (Part) विषय (Subject) अनुच्छेद (Articles)
भाग 1 संघ और उसका राज्य क्षेत्र अनुच्छेद 1 से 4
भाग 2 नागरिकता अनुच्छेद 5 से 11
भाग 3 मूल अधिकार (Fundamental Rights) अनुच्छेद 12 से 35
भाग 4 राज्य के नीति निदेशक तत्व (DPSP) अनुच्छेद 36 से 51
भाग 4A नागरिकों के मूल कर्तव्य (Fundamental Duties) अनुच्छेद 51A
भाग 5 संघ सरकार (Union Government) अनुच्छेद 52 से 151
भाग 6 राज्य सरकार (State Government) अनुच्छेद 152 से 237
भाग 7 (हटा दिया गया - 7वां संशोधन, 1956) -
भाग 8 संघीय क्षेत्र (Union Territories) अनुच्छेद 239 से 242
भाग 9 पंचायतें (Panchayati Raj) अनुच्छेद 243 से 243O
भाग 9A नगरपालिकाएँ (Municipalities) अनुच्छेद 243P से 243ZG
भाग 9B सहकारी समितियाँ (Co-operative Societies) अनुच्छेद 243ZH से 243ZT
भाग 10 अनुसूचित और जनजातीय क्षेत्र अनुच्छेद 244 से 244A
भाग 11 संघ और राज्यों के बीच संबंध अनुच्छेद 245 से 263
भाग 12 वित्त, संपत्ति, अनुबंध और वाद अनुच्छेद 264 से 300A
भाग 13 भारत में व्यापार, वाणिज्य और समागम अनुच्छेद 301 से 307
भाग 14 संघ और राज्यों के अधीन सेवाएँ अनुच्छेद 308 से 323
भाग 14A प्रशासनिक न्यायाधिकरण (Administrative Tribunals अनुच्छेद 323A से 323B
भाग 15 चुनाव (Elections) अनुच्छेद 324 से 329A
भाग 16 विशेष प्रावधान: अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग अनुच्छेद 330 से 342
भाग 17 आधिकारिक भाषा (Official Language) अनुच्छेद 343 से 351
भाग 18 आपातकालीन उपबंध (Emergency Provisions) अनुच्छेद 352 से 360
भाग 19 विविध प्रावधान (Miscellaneous Provisions) अनुच्छेद 361 से 367
भाग 20 संविधान में संशोधन की प्रक्रिया अनुच्छेद 368
भाग 21 अस्थायी, संक्रमणकालीन और विशेष प्रावधान अनुच्छेद 369 से 392
भाग 22 संविधान का प्रारंभ, संक्षिप्त नाम, पुनरावृत्ति अनुच्छेद 393 से 395
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महत्वपूर्ण अनुच्छेद और उनकी व्याख्या
1️⃣ भाग 1 – संघ और उसका राज्य क्षेत्र
- अनुच्छेद 1: भारत, राज्यों और संघीय क्षेत्रों का संघ होगा।
- अनुच्छेद 3: नए राज्यों का निर्माण और सीमाओं में परिवर्तन।
2️⃣ भाग 2 – नागरिकता
- अनुच्छेद 5-11: भारत की नागरिकता से जुड़े नियम और संसद को नागरिकता से जुड़े कानून बनाने का अधिकार।
3️⃣ भाग 3 – मौलिक अधिकार (Fundamental Rights)
- अनुच्छेद 14: समानता का अधिकार
- अनुच्छेद 19: स्वतंत्रता का अधिकार
- अनुच्छेद 21: जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार
- अनुच्छेद 32: मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने का अधिकार
4️⃣ भाग 4 – नीति निदेशक तत्व (DPSP)
- अनुच्छेद 39: राज्य नागरिकों को पर्याप्त जीवन यापन के साधन प्रदान करेगा।
- अनुच्छेद 44: समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) का प्रावधान।
5️⃣ भाग 4A – मौलिक कर्तव्य (Fundamental Duties)
- अनुच्छेद 51A: संविधान का पालन करना, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का सम्मान करना, वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना आदि।
6️⃣ भाग 5 – संघ सरकार
- अनुच्छेद 52: भारत का राष्ट्रपति
- अनुच्छेद 73: केंद्र सरकार की शक्तियाँ
- अनुच्छेद 123: राष्ट्रपति के अध्यादेश जारी करने की शक्ति
7️⃣ भाग 6 – राज्य सरकार
- अनुच्छेद 153: राज्यपाल का पद
- अनुच्छेद 168: राज्य विधानमंडल
- अनुच्छेद 200: राज्यपाल द्वारा विधेयकों को मंजूरी
8️⃣ भाग 9 – पंचायत व्यवस्था
- अनुच्छेद 243: पंचायतों की संरचना और शक्तियाँ
9️⃣ भाग 18 – आपातकालीन प्रावधान
- अनुच्छेद 352: राष्ट्रीय आपातकाल
- अनुच्छेद 356: राष्ट्रपति शासन
- अनुच्छेद 360: वित्तीय आपातकाल
🔟 भाग 20 – संविधान संशोधन प्रक्रिया
- अनुच्छेद 368: संसद को संविधान संशोधन का अधिकार।
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संघीय व्यवस्था:
भारत एक संघीय गणराज्य है, जिसमें केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों का विभाजन किया गया है। संविधान में केंद्र और राज्यों के बीच संबंधों को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है।
लोकतांत्रिक गणराज्य:
भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य है, जहाँ सरकार का प्रमुख (राष्ट्रपति) जनता द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से चुना जाता है।
मौलिक अधिकार:
संविधान के भाग III में नागरिकों के मौलिक अधिकारों का वर्णन किया गया है, जैसे समानता का अधिकार, स्वतंत्रता का अधिकार, शोषण के विरुद्ध अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार, संस्कृति और शिक्षा का अधिकार, और संवैधानिक उपचारों का अधिकार।
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राज्य के नीति निदेशक तत्व:
संविधान के भाग IV में राज्य के नीति निदेशक तत्वों का वर्णन किया गया है। ये तत्व सरकार को सामाजिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
मौलिक कर्तव्य:
42वें संविधान संशोधन (1976) के माध्यम से मौलिक कर्तव्यों को संविधान में जोड़ा गया। ये कर्तव्य नागरिकों को देश के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का एहसास कराते हैं।
संसदीय प्रणाली:
भारत में संसदीय प्रणाली है, जिसमें राष्ट्रपति राज्य का प्रमुख होता है, जबकि प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है।
न्यायपालिका की स्वतंत्रता:
संविधान न्यायपालिका को स्वतंत्र और निष्पक्ष बनाए रखने के लिए प्रावधान करता है। सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय संविधान के संरक्षक हैं।
धर्मनिरपेक्षता:
भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जहाँ सभी धर्मों को समान सम्मान और संरक्षण प्रदान किया जाता है।
संविधान संशोधन:
संविधान में संशोधन की प्रक्रिया को अनुच्छेद 368 में परिभाषित किया गया है। इसे संसद द्वारा संशोधित किया जा सकता है, लेकिन कुछ मामलों में राज्यों की सहमति की आवश्यकता होती है।
संविधान निर्माण:
भारतीय संविधान का निर्माण संविधान सभा द्वारा किया गया था, जिसकी स्थापना 1946 में हुई थी। डॉ. भीमराव अंबेडकर को संविधान सभा की प्रारूप समिति का अध्यक्ष बनाया गया था, इसलिए उन्हें "भारतीय संविधान का जनक" कहा जाता है।
संविधान की प्रस्तावना:
संविधान की प्रस्तावना इसके मूल उद्देश्यों और आदर्शों को दर्शाती है। इसमें भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया है। प्रस्तावना में न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्शों को स्थापित किया गया है।
संविधान की अनुसूचियाँ:
भारतीय संविधान में 12 अनुसूचियाँ हैं, जो विभिन्न प्रशासनिक और कानूनी मुद्दों को संबोधित करती हैं। उदाहरण के लिए:
- पहली अनुसूची: राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों की सूची।
- दूसरी अनुसूची: उच्च पदाधिकारियों के वेतन और भत्ते।
- तीसरी अनुसूची: शपथ और प्रतिज्ञान।
भारतीय संविधान न केवल एक कानूनी दस्तावेज़ है, बल्कि यह देश के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक मूल्यों को भी दर्शाता है। यह भारत की एकता, अखंडता और लोकतंत्र की रक्षा करता है। भारत का संविधान न केवल सरकार की रूपरेखा प्रदान करता है बल्कि नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों को भी सुनिश्चित करता है। यह एक लचीला और कठोर दोनों प्रकार का संविधान है, जिसे समय-समय पर संशोधनों द्वारा विकसित किया गया है।
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