"यूनानी चिकित्सा में नवाचार - आगे का रास्ता" विषय पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित
We News 24 Hindi / गौतम कुमार
नई दिल्ली :- यूनानी दिवस 2025 के अवसर पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन "एकीकृत स्वास्थ्य समाधान के लिए यूनानी चिकित्सा में नवाचार – आगे की राह" नई दिल्ली के विज्ञान भवन में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस सम्मेलन का आयोजन केन्द्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरयूएम), आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा हाइब्रिड मोड में किया गया था। सम्मेलन का उद्घाटन भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने किया, जिसमें केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह और आयुष मंत्रालय के राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव भी उपस्थित थे।
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सम्मेलन में यूनानी चिकित्सा के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का उपयोग, वैश्विक स्वास्थ्य के लिए यूनानी चिकित्सा के नए अवसर, सतत विकास लक्ष्य-3 की ओर बढ़ना, पारंपरिक चिकित्सा का स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों में एकीकरण, मानसिक स्वास्थ्य पर यूनानी दृष्टिकोण, यूनानी आहार का विकास, साक्ष्य-आधारित शोध, रेजिमेंटल थेरेपी में प्रगति, और अनुवाद संबंधी अनुसंधान जैसे विषय शामिल थे।
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सम्मेलन में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों ने अपने ज्ञान और अनुभव साझा किए। साथ ही, सीसीआरयूएम द्वारा विकसित पेटेंट प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण भी किया गया, जिसमें यूनानी टूथपेस्ट और विटिलिगो के लिए यूनानी रेजीमेन की प्रौद्योगिकी शामिल थी। समापन सत्र में सीसीआरयूएम द्वारा प्रकाशित तीन पुस्तकों का विमोचन किया गया और प्रदर्शकों को प्रशंसा प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
आयुष मंत्रालय की संयुक्त सचिव सुश्री मोनालिसा दाश ने समापन सत्र में भाग लेते हुए यूनानी चिकित्सा की समृद्ध विरासत और समकालीन स्वास्थ्य चुनौतियों के समाधान में इसकी क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने हितधारकों से ज्ञान के आदान-प्रदान और अंतःविषय साझेदारी को बढ़ावा देने का आग्रह किया।
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सीसीआरयूएम के महानिदेशक डॉ. एन. जहीर अहमद ने सम्मेलन में योगदान देने वाले सभी लोगों का आभार व्यक्त किया और यूनानी चिकित्सा की वैश्विक मान्यता को बढ़ाने में सीसीआरयूएम की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नवाचार, गुणवत्ता मानकों और सहयोग को मजबूत करके यूनानी चिकित्सा एकीकृत स्वास्थ्य सेवा का महत्वपूर्ण घटक बन सकती है।
जामिया हमदर्द के कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद अफशर आलम ने यूनानी चिकित्सा की सुरक्षा और समकालीन स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान में इसकी क्षमता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य समाधान को एकीकृत करना न केवल बीमारी के इलाज के लिए है, बल्कि जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए भी है।
इस सम्मेलन ने यूनानी चिकित्सा के विकास और वैश्विक स्वास्थ्य में इसकी भूमिका को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
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