प्रधानमंत्री मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति का आईटीईआर संयंत्र दौरा: भविष्य की ऊर्जा में एक नया आयाम
We News 24 Hindi / विवेक श्रीवात्स्व
नई दिल्ली :-प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का ऐतिहासिक दौरा, जहां उन्होंने संयुक्त रूप से फ्रांस के कैडारैचे में स्थित अंतर्राष्ट्रीय थर्मोन्यूक्लियर एक्सपेरिमेंटल रिएक्टर (आईटीईआर) संयंत्र का निरीक्षण किया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर दोनों नेताओं ने भविष्य की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नवीकरणीय उर्जा स्रोतों की आवश्यकता को स्वीकार किया।
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आईटीईआर परियोजना, जो भारत और फ्रांस समेत कई देशों का सामूहिक प्रयास है, फ्यूजन ऊर्जा के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों ने संयंत्र की तकनीकी प्रगति और इसके संभावित लाभों पर भी विचार किया। यह आंकलन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह वैश्विक ऊर्जा संकट के समाधान में नई आशाएं जगाता है। आईटीईआर परियोजना विज्ञान और तकनीकी अनुसंधान के क्षेत्र में योगदान देने के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में भी कारगर साबित हो सकती है।
यह किसी भी राष्ट्राध्यक्ष या सरकार प्रमुख द्वारा आईटीईआर का पहला दौरा था, जो इसे एक ऐतिहासिक घटना बनाता है। आईटीईआर दुनिया की सबसे महत्वाकांक्षी संलयन ऊर्जा परियोजनाओं में से एक है, जिसका उद्देश्य स्वच्छ और सतत ऊर्जा का उत्पादन करना है।
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दौरे के दौरान, दोनों नेताओं ने आईटीईआर की प्रगति की सराहना की, विशेष रूप से दुनिया के सबसे बड़े टोकामाक की असेंबली पर ध्यान केंद्रित किया। टोकामाक एक ऐसा उपकरण है जो प्लाज्मा को बनाने, नियंत्रित करने और अंततः जलाकर 500 मेगावाट संलयन ऊर्जा का उत्पादन करेगा। यह प्रक्रिया सूर्य और तारों में होने वाली प्रतिक्रियाओं की नकल करती है, जो भविष्य में स्वच्छ और असीमित ऊर्जा का स्रोत बन सकती है।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों ने आईटीईआर परियोजना पर काम कर रहे इंजीनियरों और वैज्ञानिकों के समर्पण और कड़ी मेहनत की सराहना की। उन्होंने इस परियोजना के माध्यम से वैश्विक ऊर्जा चुनौतियों का समाधान करने की दिशा में हो रहे प्रयासों को महत्वपूर्ण बताया।
भारत आईटीईआर परियोजना में सात सदस्य देशों में से एक है और पिछले दो दशकों से इस परियोजना में सक्रिय रूप से योगदान दे रहा है। लगभग 200 भारतीय वैज्ञानिक और इंजीनियर, साथ ही एलएंडटी, आईनॉक्स इंडिया, टीसीएस, टीसीई, और एचसीएल टेक्नोलॉजीज जैसी प्रमुख भारतीय कंपनियां इस परियोजना में शामिल हैं। भारत का योगदान न केवल तकनीकी क्षेत्र में है, बल्कि यह वैश्विक स्तर पर स्वच्छ ऊर्जा के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
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आईटीईआर परियोजना का उद्देश्य संलयन ऊर्जा के माध्यम से एक स्थायी और पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्रोत विकसित करना है, जो जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा सुरक्षा जैसी वैश्विक चुनौतियों का समाधान कर सकता है। इस दौरे ने भारत और फ्रांस के बीच वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग को और मजबूत किया है, साथ ही वैश्विक ऊर्जा संकट के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
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