We News 24 Hindi / एजेंसी
नई दिल्ली :- रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को तीन साल हो चुके हैं, और हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महासभा में पारित हुआ एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव। 24 फरवरी 2022 को शुरू हुए इस युद्ध के तीसरे वर्ष में, अमेरिका द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव ने यूक्रेन के समर्थन में 93 देशों की स्वीकृति प्राप्त की, जबकि 18 देशों ने इसका विरोध किया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि 65 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया।
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इसका मतलब है कि 83 देश यूक्रेन के खिलाफ हैं, जबकि 93 देश उसके समर्थन में हैं। भारत ने इस मामले में तटस्थ रुख अपनाया और वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहा। भारत न तो यूक्रेन के साथ है और न ही रूस के साथ, बल्कि दोनों देशों के साथ संतुलित संबंध बनाए रखने की कोशिश कर रहा है।
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वहीं, चीन ने खुलकर रूस का समर्थन किया और प्रस्ताव के खिलाफ वोट डाला। चीन के साथ-साथ अर्मेनिया, बोलीविया, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, कांगो, ईरान, मार्शल द्वीप, सूडान, अल्जीरिया, बुरुंडी, गिनी, निकारागुआ, बेलारूस, क्यूबा, सीरिया और माली ने रूस का समर्थन किया और प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया।
इस युद्ध ने यूक्रेन के लिए बड़ी चुनौतियां पैदा की हैं, और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में इस मुद्दे पर मतभेद बने हुए हैं।
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