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    नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ :18 लोगों की मृत्यु और घायलों की स्थिति पर पूरी रिपोर्ट

    नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ :18 लोगों की मृत्यु और घायलों की स्थिति पर पूरी रिपोर्ट










    We News 24 Hindi / अमित मेहलावत 


    नई दिल्ली:- रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ एक दुखद घटना है, जिसमें 18 लोगों की मौत हो गई और करीब 25 लोग घायल हुए। इस घटना के पीछे कई कारण सामने आए हैं, जिनमें से मुख्य रूप से भीड़भाड़ और अचानक मची अफरातफरी को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। अस्पताल कर्मी गीता ने बताया कि कुछ लोगों को हड्डियों में फ्रैक्चर और सिर में गंभीर चोटें आई थीं। हालांकि, अधिकांश मौतें दम घुटने से हुई हैं, लेकिन गंभीर चोटों के कारण भी कुछ लोगों की मौत हो सकती है। दिल्ली पुलिस ने मृतकों की पहचान कर ली है और उनके परिजनों को सूचित कर दिया गया है।घायलों की हालत अब स्थिर है और उन्हें जल्द ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।



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    LG वीके सक्सेना ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की और उनकी हालत के बारे में जानकारी ली।भगदड़ में 18 लोगों की मौत का मुख्य कारण दम घुटना बताया जा रहा है। LNJP अस्पताल के चीफ कैजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर ने इसकी पुष्टि की है। हालांकि, अंतिम और सटीक कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्पष्ट होगा।

    मौत के संभावित कारण: दम घुटने से मौत:
    भगदड़ के दौरान लोग एक-दूसरे के ऊपर गिर गए और कई लोग नीचे दब गए। इससे उनकी सांस रुक गई और दम घुटने से मौत हो गई। यह भीड़ में अक्सर होने वाली एक सामान्य समस्या है, जहां लोगों के गिरने और दबने से सांस लेने में दिक्कत होती है। अधिकांश मौतें दम घुटने से हुई हैं। पीड़ितों में 5 बच्चे और 10 महिलाएं शामिल हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से सही कारण का पता चलेगा, 


     





    भगदड़ की वजह:

    एक पीड़ित यात्री ने बताया कि ट्रेन पकड़ने की होड़ में लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़ते चले गए। सीढ़ियों के पास भीड़ इतनी अधिक थी कि जो लोग गिर गए, वे उठ नहीं पाए। इसके अलावा, धक्कामुक्की और अफरातफरी के कारण कई लोगों को गंभीर चोटें आईं।

    घायलों की स्थिति: घायलों का इलाज LNJP और लेडी हार्डिंग अस्पताल में चल रहा है। कुछ घायलों की हड्डियों में फ्रैक्चर और सिर में चोटें आई हैं, लेकिन उनकी हालत अब स्थिर है। जल्द ही उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी।


    सरकारी प्रतिक्रिया:

    सरकार ने मृतकों और घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा की है।

    रेलवे बोर्ड के सूचना और प्रचार (ED/IP) के कार्यकारी निदेशक दिलीप कुमार ने रेलवे स्टेशन पर हालत अब सामान्य बताए हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की संख्या बहुत अधिक थी। इसलिए 4 और महाकुंभ स्पेशल ट्रेनें चलाईं हैं। सूचना मिली थी कि कुछ लोग बेहोश हो गए हैं, उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुछ देर के लिए रेलवे स्टेशन में एंट्री बंद कर दी थी। अब हालात नियंत्रण में हैं। हादसे की जांच के लिए 2 सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति गठित कर दी है।


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    दिल्ली की कार्यवाहक मुख्यमंत्री आतिशी घायलों से मिलने के लिए अस्पताल पहुंचीं। बाहर आकर मीडियो बात करते हुए उन्होंने कहा कि शवों की पहचान हो गई है। मारे गए लोगों के परिजनों को बता दिया गया है। 2 विधायकों को देख-रेख की जिम्मेदारी सौंपी है। बेहद दुखद घटना हुई है। अगर किसी परिवार को पीड़ित परिवार को किसी भी तरह की मदद की जरूरत है तो वे हमारे विधायकों को बताएं। 4-5 मरीजों को जल्द ही छुट्टी देकर घर भेज दिया जाएगा। LNJP अस्पताल में 15 लोगों को मृत अवस्था में लाया गया था और इससे ज्यादा संख्या में घायल भर्ती हैं।




    रेलवे स्टेशन की स्थिति:

    रेलवे स्टेशन पर हालात अब सामान्य हैं।

    यात्रियों की अधिक संख्या को देखते हुए 4 अतिरिक्त महाकुंभ स्पेशल ट्रेनें चलाई गई हैं।

    घटना के बाद कुछ समय के लिए स्टेशन पर प्रवेश बंद कर दिया गया था, लेकिन अब स्थिति नियंत्रण में है।


    पीड़ितों के अनुभव:

    रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित यात्री ने लोगों की मौत होने की वजह बताई। उसने कहा कि जो एक बार गिर गया, वह दोबारा उठ नहीं पाया। सीढ़ियों के पास ही था, जब अचानक भगदड़ मच गई। ट्रेन पकड़ने की होड़ में लोग एक दूसरे के ऊपर चढ़ते चले गए। यह देखकर सीढ़ियों से दूर हट गया। धक्कामुक्की में कई लोग नीचे दब गए, जिनकी मौत सांस घुटने से हो गई।


    निष्कर्ष:

    यह घटना भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था में कमी की ओर इशारा करती है। रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बेहतर योजना और व्यवस्था की आवश्यकता है। सरकार और रेलवे प्रशासन को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। साथ ही, पीड़ित परिवारों को तत्काल मदद और मुआवजा प्रदान करना भी जरूरी है। 

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