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    अगले पंद्रह दिनों में दिल्ली में क्या होगा, भाजपा की बंपर जीत के बाद कौन बनेगा मुख्यमंत्री?

    अगले पंद्रह दिनों में दिल्ली में क्या होगा, भाजपा की बंपर जीत के बाद कौन बनेगा मुख्यमंत्री?








    We News 24 Hindi / दीपक कुमार 


    नई दिल्ली:-दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 27 साल के वनवास के बाद दिल्ली में वापसी की है और 70 विधानसभा सीटों में से 48 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका लगा है और उसे केवल 22 सीटें ही मिल पाई हैं। कांग्रेस एक बार फिर खाता नहीं खोल पाई और दिल्ली में उसकी हार की लकीर जारी रही।


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    कुछ लोगों का कहना है कि केजरीवाल दिल्ली छोड़कर पंजाब चले जाएंगे। कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि भगवंत मान की कुर्सी भी खतरे में है। एक तरफ दिल्ली में बीजेपी की बड़ी जीत की चर्चा है तो दूसरी तरफ केजरीवाल की पार्टी आम आदमी पार्टी की बड़ी हार की चर्चा है। केजरीवाल देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती दे रहे थे। मोदी जी, इस जन्म में ही नहीं, अगले जन्म में भी आप दिल्ली में आम आदमी पार्टी को नहीं हरा सकते। क्या हुआ? केजरीवाल अपनी सीट भी नहीं बचा पाए।


    दिल्ली की राजनीति में आने वाले 15 दिन काफी अहम होने वाले हैं। क्योंकि अगले 15 दिनों में कई घटनाक्रम होंगे और दिल्ली की नई सरकार बनेगी। आइए जानते हैं कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद आगे क्या होगा?


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    आगे के घटनाक्रम:


    1. भाजपा विधायक दल की बैठक:
      भाजपा विधायक दल की बैठक आज हो सकती है, जिसमें विधायक दल का नेता चुना जाएगा। यह नेता ही दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री बनेगा। भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने इस बारे में विचार-विमर्श शुरू कर दिया है और जल्द ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का नाम सामने आ सकता है।


     

    • बीजेपी आलाकमान बैठकें करेगा और संभावित नामों पर चर्चा होगी।
    • राज्यपाल से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया जा सकता है।
    • आम आदमी पार्टी (AAP) कोई नई रणनीति बना सकती है, लेकिन उसके पास ज्यादा विकल्प नहीं हैं।
    • दिल्ली में प्रशासनिक स्तर पर बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

    अब देखना होगा कि बीजेपी किसे सीएम बनाती है और दिल्ली की राजनीति किस दिशा में जाती है।

    1. मुख्यमंत्री पद के दावेदार:

      • प्रवेश वर्मा: उन्होंने अरविंद केजरीवाल को हराया है, इसलिए उन्हें प्रमुख दावेदार माना जा रहा है।

      • मनजिंदर सिंह सिरसा: अगर भाजपा सिख चेहरे को आगे लाना चाहती है, तो सिरसा का नाम भी चर्चा में है।

      • राखी गुप्ता और स्मृति ईरान: महिला नेतृत्व को बढ़ावा देने के लिए इनके नाम भी चर्चा में हैं।

      • पवन शर्मा और मोहन सिंह बिष्ट: इन दोनों नेताओं के नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में हैं।

      • पूर्वांचल को खुश करने के लिए : किसी पूर्वांचली व्यक्ति को मंत्री बनाया जा सकता है, पीएम मोदी पहले ही इस बात के संकेत दे चुके हैं।


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    1. शपथ ग्रहण समारोह:
      विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद अगले 4-5 दिनों में शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है। मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार अकेले या कुछ मंत्रियों के साथ शपथ ले सकते हैं। बाद में कैबिनेट का विस्तार किया जाएगा और विभागों का बंटवारा होगा।



    1. आम आदमी पार्टी की चुनौतियाँ:
      AAP को इस चुनाव में भारी नुकसान उठाना पड़ा है। केजरीवाल की सीट भी बच नहीं पाई है, जो उनके लिए एक बड़ा झटका है। अब AAP के सामने पार्टी के भविष्य और रणनीति पर पुनर्विचार करने की चुनौती है। यह भी चर्चा है कि केजरीवाल दिल्ली छोड़कर पंजाब पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।




    1. कांग्रेस की स्थिति:
      कांग्रेस एक बार फिर दिल्ली में खाता नहीं खोल पाई है। पार्टी को अपनी रणनीति और संगठनात्मक ढाँचे पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।


    1. अगले 15 दिनों की अहमियत:
      अगले 15 दिन दिल्ली की राजनीति में काफी महत्वपूर्ण रहने वाले हैं। नई सरकार के गठन, कैबिनेट के विस्तार और विभागों के बंटवारे के साथ-साथ विपक्षी दलों की रणनीति भी स्पष्ट होगी।


    आज बीजेपी विधायक दल की बैठक संभव

    आज दिल्ली में बीजेपी विधायक दल की बैठक हो सकती है, जिसमें विधायक दल का नेता चुना जाएगा। बीजेपी आलाकमान मुख्यमंत्री पद के चेहरे पर विचार कर रहा है और इस बैठक में नाम की घोषणा हो सकती है। विधायक दल के नेता को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।

    कैबिनेट गठन, विभागों का बंटवारा

    मुख्यमंत्री पद के चेहरे का नाम फाइनल होने के बाद शपथ ग्रहण समारोह होगा। अगर आज विधायक दल का नेता चुन लिया जाता है तो अगले 4-5 दिन में शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है। इसी बीच मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले विधायकों के नाम तय हो जाएंगे। शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री अकेले शपथ ले सकते हैं। मंत्रिमंडल का गठन बाद में हो सकता है। मुख्यमंत्री कुछ मंत्रियों के साथ भी शपथ ले सकते हैं। बाद में मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। मंत्रिमंडल गठन के बाद मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा किया जाएगा। 



    भाजपा की जीत ने दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू कर दिया है। वहीं, AAP और कांग्रेस को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत है। आने वाले दिनों में दिल्ली की सियासत में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं।



    कैबिनेट गठन, विभागों का बंटवारा

    मुख्यमंत्री पद के चेहरे का नाम फाइनल होने के बाद शपथ ग्रहण समारोह होगा। अगर आज विधायक दल का नेता चुन लिया जाता है तो अगले 4-5 दिन में शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है। इसी बीच मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने वाले विधायकों के नाम तय हो जाएंगे। शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री अकेले शपथ ले सकते हैं। मंत्रिमंडल का गठन बाद में हो सकता है। मुख्यमंत्री कुछ मंत्रियों के साथ भी शपथ ले सकते हैं। बाद में मुख्यमंत्री मंत्रिमंडल का विस्तार कर सकते हैं। मंत्रिमंडल गठन के बाद मंत्रियों के बीच विभागों का बंटवारा किया जाएगा। 

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