हाईलाइट्स:
- दिल्ली में प्रदूषण गंभीर समस्या – उद्योग अन्य राज्यों में शिफ्ट हो रहे, समाधान पर भाजपा सरकार का फोकस।
- औद्योगिक विकास से रोजगार बढ़ाने की योजना – 1200 एकड़ खाली जमीन पर उद्योग लगाने की तैयारी, 1 लाख से ज्यादा रोजगार की उम्मीद।
- दिल्ली की सबसे प्रदूषित राजधानी बनने पर सवाल – केजरीवाल सरकार पर निशाना, फंड का सही उपयोग नहीं हुआ।
We News 24 Hindi / उर्विदत गैरोला
नई दिल्ली :- दिल्ली में प्रदूषण की समस्या और उद्योगों के स्थानांतरण जैसे मुद्दों पर दिल्ली के पर्यावरण व वन मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने दैनिक जागरण के साथ एक विस्तृत चर्चा की। इस चर्चा में उन्होंने दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने, उद्योगों को बढ़ावा देने, रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने और राशन कार्ड से जुड़ी समस्याओं के समाधान पर अपने विचार साझा किए। यहां चर्चा के मुख्य अंश दिए गए हैं:
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दिल्ली में उद्योगों को बढ़ावा और रोजगार के अवसर:
1200 एकड़ खाली जमीन का उपयोग: दिल्ली में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए 1200 एकड़ खाली जमीन का उपयोग किया जाएगा। इस जमीन पर उद्योग लगाने से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। सिरसा ने कहा कि इस दिशा में काम शुरू हो चुका है और इससे एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
औद्योगिक क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान: औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए जल्द ही औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की जाएगी।
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दिल्ली में प्रदूषण की समस्या और समाधान:
प्रदूषण के मुख्य कारक: सिरसा ने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण के चार मुख्य कारक हैं - वाहनों का धुआं, निर्माण कार्य से उड़ने वाली धूल, सड़कों पर उड़ने वाली धूल और उद्योगों से फैलने वाला प्रदूषण। इन कारकों को नियंत्रित करने के लिए सरकार काम कर रही है।
वाहनों से होने वाले प्रदूषण का समाधान: वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत किया जाएगा। पुराने वाहनों को सड़कों पर चलने से रोका जाएगा और पेट्रोल पंपों पर आवेग सिस्टम लगाया जाएगा ताकि पुराने वाहनों को ईंधन न दिया जाए।
कृत्रिम वर्षा: प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कृत्रिम वर्षा जैसे उपायों पर भी विचार किया जा रहा है।
प्रदूषण निगरानी और ग्रेप:
निगरानी व्यवस्था में सुधार: सिरसा ने कहा कि प्रदूषण निगरानी व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। निगरानी केंद्रों की संख्या बढ़ानी होगी और अलग-अलग स्थानों की समस्याओं के अनुसार समाधान निकालना होगा।
ग्रेप का प्रभाव: ग्रेप (Graded Response Action Plan) को प्रभावी बनाने के लिए अल्पकालीन और दीर्घकालीन योजनाएं बनाई जा रही हैं। निर्माण कार्य और ऊंची इमारतों पर प्रदूषण रोकथाम के उपाय किए जाएंगे।
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एनसीआर और पौधारोपण:
एनसीआर से प्रदूषण: एनसीआर के अन्य शहरों से भी दिल्ली की हवा खराब हो रही है। इसके लिए पहले दिल्ली में प्रदूषण के कारकों को नियंत्रित किया जाएगा, फिर पड़ोसी राज्यों से बातचीत की जाएगी।
पौधारोपण: दिल्ली में पौधारोपण के लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ध है। बड़े स्तर पर पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा और आम नागरिकों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
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राशन कार्ड से जुड़ी समस्याएं:
राशन कार्ड का कोटा: दिल्ली का राशन कार्ड कोटा पूरा हो चुका है। इसे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से बातचीत की जाएगी।
फर्जी राशन कार्ड: बांग्लादेशियों और रोहिंग्या सहित अन्य फर्जी राशन कार्ड की पहचान कर उन्हें निरस्त किया जाएगा और पात्र लोगों के राशन कार्ड बनाए जाएंगे।
मनजिंदर सिंह सिरसा ने यह स्पष्ट किया कि प्रदूषण और अन्य समस्याओं का समाधान तत्काल नहीं हो सकता, लेकिन सरकार इन मुद्दों पर गंभीरता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए दीर्घकालीन योजनाएं बनाई जा रही हैं।
दिल्ली में उद्योगों को बढ़ावा और रोजगार के अवसर:
1200 एकड़ खाली जमीन का उपयोग: दिल्ली में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए 1200 एकड़ खाली जमीन का उपयोग किया जाएगा। इस जमीन पर उद्योग लगाने से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। सिरसा ने कहा कि इस दिशा में काम शुरू हो चुका है और इससे एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
औद्योगिक क्षेत्रों की समस्याओं का समाधान: औद्योगिक क्षेत्रों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए जल्द ही औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की जाएगी।
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दिल्ली में प्रदूषण की समस्या और समाधान:
प्रदूषण के मुख्य कारक: सिरसा ने बताया कि दिल्ली में प्रदूषण के चार मुख्य कारक हैं - वाहनों का धुआं, निर्माण कार्य से उड़ने वाली धूल, सड़कों पर उड़ने वाली धूल और उद्योगों से फैलने वाला प्रदूषण। इन कारकों को नियंत्रित करने के लिए सरकार काम कर रही है।
वाहनों से होने वाले प्रदूषण का समाधान: वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत किया जाएगा। पुराने वाहनों को सड़कों पर चलने से रोका जाएगा और पेट्रोल पंपों पर आवेग सिस्टम लगाया जाएगा ताकि पुराने वाहनों को ईंधन न दिया जाए।
कृत्रिम वर्षा: प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कृत्रिम वर्षा जैसे उपायों पर भी विचार किया जा रहा है।
प्रदूषण निगरानी और ग्रेप:
निगरानी व्यवस्था में सुधार: सिरसा ने कहा कि प्रदूषण निगरानी व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता है। निगरानी केंद्रों की संख्या बढ़ानी होगी और अलग-अलग स्थानों की समस्याओं के अनुसार समाधान निकालना होगा।
ग्रेप का प्रभाव: ग्रेप (Graded Response Action Plan) को प्रभावी बनाने के लिए अल्पकालीन और दीर्घकालीन योजनाएं बनाई जा रही हैं। निर्माण कार्य और ऊंची इमारतों पर प्रदूषण रोकथाम के उपाय किए जाएंगे।
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एनसीआर और पौधारोपण:
एनसीआर से प्रदूषण: एनसीआर के अन्य शहरों से भी दिल्ली की हवा खराब हो रही है। इसके लिए पहले दिल्ली में प्रदूषण के कारकों को नियंत्रित किया जाएगा, फिर पड़ोसी राज्यों से बातचीत की जाएगी।
पौधारोपण: दिल्ली में पौधारोपण के लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ध है। बड़े स्तर पर पौधारोपण अभियान चलाया जाएगा और आम नागरिकों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
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राशन कार्ड से जुड़ी समस्याएं:
राशन कार्ड का कोटा: दिल्ली का राशन कार्ड कोटा पूरा हो चुका है। इसे बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से बातचीत की जाएगी।
फर्जी राशन कार्ड: बांग्लादेशियों और रोहिंग्या सहित अन्य फर्जी राशन कार्ड की पहचान कर उन्हें निरस्त किया जाएगा और पात्र लोगों के राशन कार्ड बनाए जाएंगे।
मनजिंदर सिंह सिरसा ने यह स्पष्ट किया कि प्रदूषण और अन्य समस्याओं का समाधान तत्काल नहीं हो सकता, लेकिन सरकार इन मुद्दों पर गंभीरता से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने और उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए दीर्घकालीन योजनाएं बनाई जा रही हैं।
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