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शुक्रवार, 28 मार्च 2025

नेपाल में राजशाही की मांग तेज, देशभर में हंगामा, त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बंद, देश में उतरी सेना

नेपाल में राजशाही की मांग तेज, देशभर में हंगामा, त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बंद, देश में उतरी सेना



नेपाल में राजशाही की वापसी की मांग लोकतंत्र के खिलाफ एक बड़ी चुनौती बन गई है। हालांकि, सरकार ने सेना और कर्फ्यू के जरिए स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की है, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता और जनाक्रोश बना हुआ है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और तनाव बढ़ने की आशंका है।






We News 24 Hindi / काठमांडू संवाददाता


काठमांडू :- नेपाल में 28 मार्च 2025 को राजशाही की बहाली और हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद देशभर में तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई है। सरकार ने हालात को नियंत्रित करने के लिए सेना को तैनात कर दिया है और कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। यहां प्रमुख घटनाक्रम दिए गए हैं:


1. हिंसक झड़पें और तबाही 

राजधानी काठमांडू में राजशाही समर्थकों और सुरक्षाबलों के बीच भीषण झड़पें हुईं, जिसमें दो लोगों की मौत हुई (एक प्रदर्शनकारी और एक पत्रकार) और 22 से अधिक लोग घायल हुए।


नेपाल में राजशाही की मांग तेज, देशभर में हंगामा, त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बंद, देश में उतरी सेना



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प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की, जिसके जवाब में सुरक्षाबलों ने आंसू गैस और रबर की गोलियां चलाईं।


कई इमारतों, वाहनों और व्यावसायिक परिसरों में आगजनी की गई, जिसमें एक शॉपिंग मॉल, राजनीतिक पार्टी का मुख्यालय और मीडिया हाउस शामिल हैं।

नेपाल में राजशाही की मांग तेज, देशभर में हंगामा, त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बंद, देश में उतरी सेना


2. सेना की तैनाती और कर्फ्यू 

स्थिति को नियंत्रित करने के लिए नेपाली सेना को सड़कों पर उतारा गया है।


काठमांडू के कई इलाकों (टिंकुने, सिनामंगल, कोटेश्वर आदि) में कर्फ्यू लगा दिया गया है, जो रात 10 बजे तक जारी रहा।

त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया, जिससे कई उड़ानें प्रभावित हुईं।



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3. राजशाही की बहाली की मांग 

प्रदर्शनकारियों ने "राजा आओ, देश बचाओ", "भ्रष्ट सरकार मुर्दाबाद" और "हमें राजशाही वापस चाहिए" जैसे नारे लगाए।


यह आंदोलन पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह के 19 फरवरी को दिए गए समर्थन के आह्वान के बाद तेज हुआ।


राजशाही समर्थकों का कहना है कि वर्तमान लोकतांत्रिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार और अस्थिरता बढ़ गई है।


4. सरकार की प्रतिक्रिया 

प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने आपातकालीन कैबिनेट बैठक बुलाई।


गृह मंत्रालय ने सुरक्षा एजेंसियों के साथ बैठक कर हालात पर चर्चा की और पूर्व राजा को जिम्मेदार ठहराया।

सरकार ने प्रदर्शनकारियों को एक सप्ताह का अल्टीमेटम देने की बात कही है।




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5. अंतर्राष्ट्रीय प्रभाव

भारत सहित पड़ोसी देशों ने स्थिति पर नजर रखी है।

कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को भारत में डायवर्ट किया गया।


निष्कर्ष

नेपाल में राजशाही की वापसी की मांग लोकतंत्र के खिलाफ एक बड़ी चुनौती बन गई है। हालांकि, सरकार ने सेना और कर्फ्यू के जरिए स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की है, लेकिन राजनीतिक अस्थिरता और जनाक्रोश बना हुआ है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और तनाव बढ़ने की आशंका है। 

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