पाकिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी द्वारा जाफर एक्सप्रेस का हाईजैक: सुरक्षा बलों के 182 कर्मी बंधक
We News 24 Hindi / दीपक कुमार
पाकिस्तान :- के बलूचिस्तान प्रांत में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया है, जिससे वहां की स्थिति गंभीर और तनावपूर्ण हो गई है। BLA के लड़ाके अभी भी मजबूत स्थिति में हैं और उन्होंने पाकिस्तान सरकार और सेना को खुली चुनौती दी है। इस घटना ने पाकिस्तानी सरकार और सेना के लिए एक बड़ी चुनौती पैदा कर दी है।
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घटना का विवरण:
हाईजैकिंग और बंधक बनाना: BLA ने जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया है और 182 सैनिकों को बंधक बना लिया है। इनमें पाकिस्तानी सेना, पुलिस, एंटी-टेरर फोर्स (ATF) और इंटेलिजेंस एजेंसियों (ISI) के अधिकारी शामिल हैं। आतंकियों ने दावा किया है कि उन्होंने सभी आम यात्रियों को छोड़ दिया है, लेकिन सैन्य कर्मियों को बंधक बनाए रखा है।
पाकिस्तानी सेना की कार्रवाई: पाकिस्तानी सेना ने पहले थल सेना को भेजा, लेकिन उसे कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ा और उसे पीछे हटना पड़ा। अब पाकिस्तान ने एयर स्ट्राइक की सहायता ली है और हेलीकॉप्टर तथा फाइटर जेट मौके पर तैनात कर दिए गए हैं। सेना आतंकियों पर हवाई हमले करके बंधकों को छुड़ाने की कोशिश कर रही है।
BLA की मजबूत स्थिति: BLA ने दावा किया है कि उनकी मजीद ब्रिगेड, STOS, फतह स्क्वाड और जिराब यूनिट युद्ध के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उनका कहना है कि वे किसी भी सैन्य हमले का मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम हैं। यह स्पष्ट है कि BLA की योजना सिर्फ हाईजैकिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि वह कुछ बड़ा करने की तैयारी में है।
पृष्ठभूमि:
बलूचिस्तान में लंबे समय से अलगाववादी संगठनों और पाकिस्तानी सेना के बीच संघर्ष चल रहा है। यह क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर है, लेकिन स्थानीय लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार ने उनके अधिकारों का हनन किया है और उन्हें उचित हिस्सा नहीं दिया है। BLA का दावा है कि वह बलूच लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ रहा है।
चुनौतियां:
सैन्य और राजनीतिक दबाव: पाकिस्तानी सरकार और सेना के लिए यह एक बड़ी चुनौती है। अगर वे बंधकों को सुरक्षित नहीं छुड़ा पाते हैं, तो यह संकट और बढ़ सकता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: इस घटना से पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी नुकसान पहुंच सकता है, खासकर अगर बंधकों की सुरक्षा को लेकर कोई बड़ी घटना होती है।
निष्कर्ष:
यह घटना पाकिस्तान के लिए एक गंभीर संकट है, जो न केवल सुरक्षा बल्कि राजनीतिक और सामाजिक स्तर पर भी चुनौतियां पैदा कर रही है। अब यह देखना होगा कि पाकिस्तानी सरकार और सेना इस संकट से कैसे निपटती है और क्या वे बंधकों को सुरक्षित रूप से छुड़ाने में सफल हो पाती हैं। इसके साथ ही, यह घटना बलूचिस्तान में चल रहे अलगाववादी आंदोलन को और मजबूत कर सकती है।
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