"संसद में वोटर लिस्ट पर बवाल: विपक्ष ने उठाए सवाल, चुनाव आयोग से जवाब की मांग"
हाइलाइट्स:
✔ राहुल गांधी की मांग – विपक्षी दलों ने मतदाता सूची में गड़बड़ियों पर चर्चा की मांग की।
✔ कपिल सिब्बल का आरोप – चुनाव आयोग पर सरकार के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया।
✔ टीएमसी की आपत्ति – पश्चिम बंगाल और असम में एक ही पहचान पत्र नंबर वाले वोटर मिलने का दावा।
✔ चुनाव आयोग से सफाई की मांग – विपक्ष ने मतदाता सूचियों में व्यापक संशोधन की मांग की।
✔ सत्ता बनाम विपक्ष – लोकसभा और राज्यसभा में इस मुद्दे पर जोरदार बहस।
We News 24 Hindi / अंजली कुमारी
नई दिल्ली :- संसद के बजट सत्र के दूसरे भाग की शुरुआत के साथ ही विपक्ष ने मतदाता सूचियों (वोटर लिस्ट) में गड़बड़ी के मुद्दे को उठाया है। कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हुए कहा कि पूरे देश में विपक्षी दल वोटर लिस्ट पर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा गंभीर है और इस पर संसद में चर्चा होनी चाहिए।
विपक्ष के तर्क:
राहुल गांधी का बयान:
राहुल गांधी ने कहा कि हर राज्य में विपक्ष ने एक स्वर में मतदाता सूचियों पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, "हम आपकी टिप्पणी को स्वीकार करते हैं कि सरकार मतदाता सूची नहीं बनाती है, लेकिन हम इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करते हैं।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि मतदाता सूचियों में गड़बड़ी लोकतंत्र के लिए खतरनाक है।
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कपिल सिब्बल की चिंता:
राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि चुनाव आयोग सरकार के हाथ में है। उन्होंने कहा, "अगर लोकतंत्र ऐसे ही चलता रहा और चुनाव आयोग सरकार के लिए पैरवी करता रहा, तो जो नतीजे आएंगे, वो आपके सामने हैं।" सिब्बल ने आगे कहा कि यदि यही व्यवस्था चलती रही, तो यह लोकतंत्र नहीं, बल्कि दिखावा होगा।
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का आरोप:
टीएमसी के सदस्य सौगत रॉय ने कहा कि मतदाता सूचियों में कुछ गंभीर खामियां हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हवाले से कहा कि मुर्शिदाबाद और बर्दवान संसदीय क्षेत्रों में एक ही ईपीआईसी (चुनावी फोटो पहचान पत्र) संख्या वाले मतदाता मौजूद हैं। टीएमसी ने मतदाता सूचियों में व्यापक संशोधन की मांग की है, खासकर अगले साल पश्चिम बंगाल और असम में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले।
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सौगत रॉय का आग्रह:
सौगत रॉय ने कहा कि चुनाव आयोग को देश को जवाब देना चाहिए कि मतदाता सूचियों में गलतियां क्यों हुईं। उन्होंने कहा, "पूरी मतदाता सूचियों में व्यापक संशोधन किया जाना चाहिए।"
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मुद्दे की गंभीरता:
विपक्ष का आरोप है कि मतदाता सूचियों में गड़बड़ी की जा रही है, जिससे चुनावी प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
महाराष्ट्र, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और असम जैसे राज्यों में इस तरह की गड़बड़ियों की शिकायतें सामने आई हैं।
विपक्ष चाहता है कि चुनाव आयोग इस मामले में पारदर्शिता बरते और मतदाता सूचियों की समीक्षा करे।
आगे की कार्रवाई:
विपक्ष ने इस मुद्दे पर संसद में चर्चा की मांग की है।
टीएमसी ने कहा कि उनका प्रतिनिधिमंडल नवनियुक्त मुख्य चुनाव आयुक्त से मिलकर इस मुद्दे को उठाएगा।
चुनाव आयोग की ओर से अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
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यह मुद्दा लोकतंत्र की मूलभूत प्रक्रिया से जुड़ा है, और विपक्ष का आरोप है कि मतदाता सूचियों में गड़बड़ी से चुनावी निष्पक्षता खतरे में पड़ सकती है। इसलिए, इस मामले पर गंभीरता से विचार करने और पारदर्शी कार्रवाई करने की मांग की जा रही है।
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