"संविधान घर जलाने की इजाजत नहीं देता" – राणा सांगा विवाद पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संसद में दिया जवाब
We News 24 Hindi / विवेक श्रीवास्तव
नई दिल्ली :- राज्यसभा में राणा सांगा को लेकर समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद रामजी लाल सुमन के विवादित बयान पर मचे बवाल के बीच कांग्रेस अध्यक्ष और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद में अपनी बात रखी। खरगे ने कहा, "संविधान किसी को भी किसी का घर जला देने, तोड़फोड़ करने या बुलडोजर चलाकर ध्वस्त करने की इजाजत नहीं देता।" यह बयान सपा सांसद के घर पर हुए हमले के संदर्भ में आया, जिसके बाद यह मुद्दा संसद में गरमाया। खरगे ने कहा कि महाराणा प्रताप, राणा सांगा और देश के अन्य हिस्सों में जिन लोगों ने देश के लिए अपनी जान दी, हम उनका सम्मान करते हैं.
21 मार्च 2025 को राज्यसभा में गृह मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा के दौरान सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने राणा सांगा को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने दावा किया था कि राणा सांगा ने इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को भारत आमंत्रित किया था और उन्हें "गद्दार" करार दिया था। इस बयान के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। 26 मार्च को आगरा में रामजी लाल सुमन के घर पर अज्ञात लोगों ने हमला किया, जिसमें पथराव और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं।
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खरगे का पूरा बयान
27 मार्च 2025 को राज्यसभा में इस मुद्दे पर बोलते हुए खरगे ने सांसद की सुरक्षा को बड़ा मसला बताया। उन्होंने कहा:
"लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाना गलत है। संविधान इसकी इजाजत नहीं देता।"
"किसी भी सांसद का घर तोड़ना या उस पर हमला करना स्वीकार्य नहीं है।"
"यह मुद्दा जाति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। यह एक सांसद के बयान से जुड़ा है, इसका दलित होना या किसी विशेष समुदाय से होना से कोई लेना-देना नहीं है।"
खरगे ने इस घटना की निंदा करते हुए प्रशासनिक खामियों पर भी सवाल उठाए और सांसदों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की।
सरकार की ओर से जवाब
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "हम किसी भी तरह की हिंसा या तोड़फोड़ का समर्थन नहीं करते। यह कानून-व्यवस्था का मामला है और इसे उचित तरीके से निपटाया जाएगा। लेकिन इसे जातिगत रंग देना ठीक नहीं है। यह एक सांसद के बयान से उपजा विवाद है।"
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विवाद का असर
राणा सांगा पर सपा सांसद रामजी लाल सुमन के बयान के बाद भाजपा और अन्य संगठनों ने इसे राजपूत समाज और हिंदू भावनाओं का अपमान बताया। जगह-जगह सुमन के पुतले जलाए गए और माफी की मांग की गई। दूसरी ओर, सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने अपने सांसद का बचाव करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक तथ्यों पर आधारित बयान था। इस बीच, हमले के बाद सुमन ने राज्यसभा सभापति को पत्र लिखकर अपनी और परिवार की सुरक्षा की गुहार लगाई।
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निष्कर्ष
खरगे का यह बयान संविधान के मूल्यों और सांसदों की सुरक्षा पर जोर देता है, साथ ही इस विवाद को जातिगत रंग देने से बचने की अपील करता है। यह घटना न केवल राजनीतिक बल्कि सामाजिक स्तर पर भी तनाव का कारण बनी हुई है, और संसद में इसकी गूंज आगे भी जारी रहने की संभावना है।
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