हाईलाइट्स:
- चमोली जिले में हिमस्खलन की घटना – निर्माणाधीन सड़क परियोजना के दौरान मजदूर फंसे।
- 46 मजदूरों को बचाया गया – बचाव दल ने सभी को सुरक्षित बाहर निकाला।
- 1 मजदूर की हालत गंभीर – बेहतर इलाज के लिए ऋषिकेश AIIMS रेफर किया गया।
- CM पुष्कर सिंह धामी का बयान – सभी मजदूर सुरक्षित, राहत कार्य जारी।
- बचाव अभियान में SDRF, NDRF और स्थानीय प्रशासन शामिल – त्वरित कार्रवाई से जान बचाई।
- हिमालयी क्षेत्रों में बढ़ रहा हिमस्खलन का खतरा – जलवायु परिवर्तन और निर्माण कार्य बड़ा कारण।
- सरकार ने जारी किए सुरक्षा निर्देश – हाई-रिस्क जोन की नियमित मॉनिटरिंग होगी।
We News 24 Hindi / उर्विदत गैरोला
देहरादून :- उत्तराखंड के चमोली जिले में हिमस्खलन की घटना के बाद बचाव दल ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 46 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है। यह घटना शनिवार सुबह एक निर्माणाधीन सड़क परियोजना के दौरान हुई, जहां अचानक हिमस्खलन हो गया और कई मजदूर फंस गए। बचाव दल ने मौके पर पहुंचकर तेजी से राहत अभियान शुरू किया और सभी मजदूरों को सुरक्षित निकालने में सफलता हासिल की। हालांकि, एक मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे बेहतर इलाज के लिए ऋषिकेश AIIMS रेफर किया गया है।
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बचाव कार्य में शामिल एजेंसियां:
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF)
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF)
स्थानीय प्रशासन और पुलिस
इन एजेंसियों ने मिलकर तेजी से राहत अभियान चलाया और मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर नजर रखते हुए राहत कार्यों की समीक्षा की और अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि सभी मजदूर फिलहाल सुरक्षित हैं और राहत कार्य तेजी से जारी है।
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हिमस्खलन का बढ़ता खतरा:
उत्तराखंड और हिमालयी क्षेत्रों में अचानक मौसम में बदलाव और ग्लेशियरों के पिघलने के कारण हिमस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन और अनियंत्रित निर्माण कार्य भी इस खतरे को बढ़ा रहे हैं। हाल के वर्षों में चमोली और उत्तरकाशी जैसे इलाकों में कई बार ऐसे हादसे हो चुके हैं।
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सरकार द्वारा उठाए गए कदम:
हाई-रिस्क ज़ोन में काम कर रहे मजदूरों के लिए सुरक्षा निर्देश जारी किए गए हैं।
हिमस्खलन संभावित क्षेत्रों की नियमित मॉनिटरिंग की जाएगी।
राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन टीम को पूरी तरह मुस्तैद कर दिया है।
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इस घटना ने एक बार फिर हिमालयी क्षेत्रों में हिमस्खलन के खतरे को उजागर किया है। सरकार और प्रशासन को इस तरह की घटनाओं से निपटने के लिए और अधिक सतर्कता और तैयारी की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि सरकार हर संभव प्रयास करेगी ताकि ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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