हाइलाइट्स:
- तलाक के बाद महिलाएं सिर्फ वैवाहिक संपत्ति पर हक जमा सकती हैं।
- पति की पैतृक संपत्ति और शादी से पहले की संपत्ति पर महिला का अधिकार नहीं होता।
- महिला के नाम पर खरीदी गई संपत्ति और गिफ्ट्स पर उसका पूरा अधिकार होता है।
- तलाक के बाद महिला को गुजारा भत्ता (एलिमनी) भी मिल सकता है।
We News 24 Hindi / दीपक कुमार
नई दिल्ली :- इन दिनों कई जानी-मानी हस्तियों के तलाक की खबरें सुर्खियों में हैं। हाल ही में क्रिकेटर युजवेंद्र चहल और उनकी पत्नी धनश्री के तलाक ने भी चर्चा बटोरी है। इस मामले में एलिमनी (गुजारा भत्ता) ने लोगों को यह जानने के लिए उत्सुक किया कि तलाक के बाद महिलाओं को कितना पैसा मिलता है और उनका संपत्ति पर क्या अधिकार होता है।
तलाक के बाद महिलाएं अपने पति की सभी संपत्ति पर हक नहीं जमा सकती हैं। दरअसल, तलाक होने के बाद महिला सिर्फ उसी संपत्ति पर अधिकार जता सकती है, जो दंपत्ति ने शादी के बाद मिलकर कमाई हो। इस तरह की संपत्ति को वैवाहिक संपत्ति कहा जाता है।
किस संपत्ति पर महिला का अधिकार होता है?
वैवाहिक संपत्ति: शादी के दौरान दंपत्ति द्वारा अर्जित की गई संपत्ति पर महिला का अधिकार होता है।
महिला के नाम पर खरीदी गई संपत्ति: अगर पति ने शादी के दौरान महिला के नाम से कोई संपत्ति खरीदी है, तो उस पर महिला का पूरा अधिकार होता है।
गिफ्ट और गहने: शादी के दौरान महिला को उसके अभिभावकों या अन्य लोगों द्वारा दिए गए गहने, नकद या अन्य उपहार पर भी उसका पूरा हक होता है।
किस संपत्ति पर महिला का अधिकार नहीं होता?
पैतृक संपत्ति: पति की पैतृक संपत्ति पर महिला का कोई अधिकार नहीं होता।
शादी से पहले की संपत्ति: अगर पति ने शादी से पहले कोई संपत्ति खरीदी है, तो उस पर महिला का अधिकार नहीं होता।
गुजारा भत्ता (एलिमनी):
तलाक के बाद महिला को पति की ओर से गुजारा भत्ता भी दिया जाता है, जिसे एलिमनी कहा जाता है। इस रकम को कोर्ट द्वारा तय किया जाता है। इसमें पति की आय, महिला की आय और अन्य कारकों को ध्यान में रखा जाता है।
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