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🗓️ हनुमान जयंती विशेष - 12 अप्रैल 2025
लेखक:दीपक कुमार | स्थान:नई दिल्ली
🔱 हनुमान जी – बल, भक्ति और भरोसे का नाम
सनातन संस्कृति में भगवान हनुमान सिर्फ एक देवता नहीं, भक्ति, शक्ति और सेवा के प्रतीक हैं। उन्हें ‘मारुति’, ‘केशरीनंदन’, ‘पवनपुत्र’, ‘संकटमोचन’, और सबसे प्रसिद्ध नाम — ‘बजरंग बली’ के नाम से जाना जाता है।
लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर उन्हें ‘बजरंग बली’ क्यों कहा जाता है?
इस नाम के पीछे छिपा है एक अद्भुत रहस्य — जो धार्मिक ग्रंथों में तो संकेत रूप में मिलता है, परंतु आम चर्चा में नहीं आता।
✨ 'बजरंग बली' नाम का अर्थ क्या है?
‘बजरंग’ शब्द दो भागों से मिलकर बना है:
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'वज्र' ➤ यह इंद्रदेव का सबसे शक्तिशाली शस्त्र है, जिसे अटूट, अपराजेय और अजेय माना जाता है।
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'अंग' ➤ इसका अर्थ है शरीर।
👉 यानी वज्र के समान शरीर वाला।
भगवान हनुमान का शरीर इतना शक्तिशाली और दृढ़ था कि कोई भी दिव्य या दानवी अस्त्र-शस्त्र उन्हें क्षति नहीं पहुँचा सकता था। यही कारण है कि उन्हें ‘बजरंग’ कहा गया।
अब बात करते हैं ‘बली’ की —
यह शब्द दर्शाता है उनका असीम बल, पराक्रम और वीरता।
जिसने अकेले लंका की सेना को हिला दिया, पर्वतों को उड़ा दिया और सूर्य को भी निगलने की शक्ति रखता हो — उसे ही ‘बली’ कहा जा सकता है।
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🌠 उन्हें यह नाम क्यों मिला?
पुराणों और किंवदंतियों के अनुसार, जब बाल हनुमान सूर्य को फल समझकर निगलने लगे, तब देवता चिंतित हो गए।
इंद्र ने वज्र फेंका, जिससे बाल हनुमान को चोट लगी, लेकिन वह फिर भी अडिग रहे।
इस अद्भुत साहस और अपराजेयता को देखकर देवताओं ने उन्हें आशीर्वाद दिया:
"तुम्हारा शरीर वज्र के समान अजेय रहेगा। तुम सदा संकट में पड़े प्राणियों की रक्षा करोगे।"
इसी क्षण से उन्हें 'बजरंग बली' नाम मिला।
🧘 आध्यात्मिक दृष्टिकोण से 'बजरंग बली'
‘बजरंग बली’ केवल एक नाम नहीं, बल्कि एक ऊर्जा का प्रतीक है —
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यह नाम बताता है कि सच्चे विश्वास, भक्ति और साहस से हर असंभव को संभव किया जा सकता है।
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यह नाम आश्वासन देता है कि जब सब रास्ते बंद हो जाएं, तब ‘बजरंग बली’ का नाम लेने से राह मिल जाती है।
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इसलिए उन्हें ‘संकटमोचन’ भी कहा गया है — जो पल भर में भक्त के संकट हर लेते हैं।
🗓️ हनुमान जयंती 2025 – एक खास अवसर
इस वर्ष हनुमान जयंती 12 अप्रैल 2025 (शनिवार) को मनाई जाएगी।
यह दिन हनुमान जी के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाया जाता है।
🌄 इस दिन भक्त भोर में उठकर स्नान करते हैं, मंदिरों में हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का पाठ, और लड्डू चढ़ाकर पूजा करते हैं।
🛐 क्या करें इस हनुमान जयंती पर?
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सुबह और शाम हनुमान चालीसा का पाठ करें
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“ॐ हं हनुमते नमः” या “जय बजरंग बली” का 108 बार जाप करें
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मंगलवार या शनिवार को सरसों के तेल का दीपक जलाएं
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बंदरों को फल, गुड़ और चना खिलाएं
🙏 मान्यता है कि सच्चे मन से 'बजरंग बली' का नाम लेने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।
✍️ निष्कर्ष:
भगवान हनुमान को ‘बजरंग बली’ कहे जाने के पीछे सिर्फ उनका बल नहीं, बल्कि एक दिव्य रहस्य है —
जो हमें सिखाता है कि सच्ची भक्ति, साहस और सेवा से कोई भी संकट असंभव नहीं होता।
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