We News 24 Hindi / रिपोर्ट :-सीनियर रिपोटर , दीपक कुमार
दिनांक: 16 अप्रैल 2025
सुनवाई शुरू: दोपहर 1 बजे से
सुनवाई कर रही बेंच: CJI संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन
क्या है मामला?
सुप्रीम कोर्ट में वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है। विपक्षी दलों, मुस्लिम संगठनों और वकीलों ने कानून को ‘मौलिक अधिकारों के उल्लंघन’ और ‘धर्म में हस्तक्षेप’ बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की है।
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अब तक की बड़ी दलीलें और तर्क
🗣️ कपिल सिब्बल (सीनियर एडवोकेट)
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मुख्य तर्क:
“यह अधिनियम इस्लाम धर्म की बुनियादी संरचना में दखल देता है। वक्फ इस्लाम में एक आवश्यक धार्मिक प्रथा है।” -
विशेष तर्क:
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“सरकार ने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर अधिनियम पास किया है।”
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“धारा 3(सी)(2) राज्य को संपत्ति वक्फ घोषित करने से रोकता है, पर इसे नजरअंदाज किया गया।”
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“कलेक्टर को निर्णय देने का अधिकार देना न्यायिक प्रक्रिया का उल्लंघन है।”
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CJI संजीव खन्ना की टिप्पणियाँ
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“संपत्ति की प्रकृति धार्मिक हो सकती है लेकिन मामला अधिकार और प्रशासन का है।”
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“आप बार-बार ‘अनिवार्य धार्मिक प्रथा’ कह रहे हैं, यह सावधानी से किया जाए।”
अभिषेक मनु सिंघवी
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“धारा 3(3)(डीए) के तहत कलेक्टर को अत्यधिक शक्तियाँ दी गई हैं। यह आम लोगों के अधिकारों का हनन है।”
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“अनुच्छेद 32 की बात है, हमें हाई कोर्ट भेजना तर्कसंगत नहीं।”
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“यदि संसद को वक्फ घोषित करना है तो अधिपत्य का क्या मतलब रह जाएगा?”
राजीव धवन
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“यह कानून इस्लाम की मूल संरचना के खिलाफ है। पहले CEO मुस्लिम होता था, अब ऐसा नहीं है – यह स्पष्ट उल्लंघन है।”
सीयू सिंह
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“धर्म और धर्मार्थ उद्देश्यों में फर्क जरूरी है। केवल ‘धार्मिक प्रथा’ को केंद्र में रखकर सब कुछ तय नहीं किया जा सकता।”
संजय हेगड़े
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“पंजाब का उदाहरण देते हुए कहा कि अमृतसर को गैर-सिख नियंत्रण से मुक्त कराने के लिए आंदोलन हुआ था। यही स्थिति कई वक्फ संपत्तियों की है।”
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राजनीतिक प्रतिक्रिया और नेताओं की राय
🗨️ असदुद्दीन ओवैसी
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“यह कानून मुसलमानों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।”
🗨️ ममता बनर्जी (CM, पश्चिम बंगाल)
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“यह बिल संघीय ढांचे के खिलाफ है।”
🗨️ इल्तिजा मुफ्ती (PDP नेता)
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“NC इस मुद्दे पर BJP से मिली हुई है, इसी वजह से प्रस्ताव नहीं लाया।”
🗨️ मौलाना कल्बे जवाद (शिया धर्मगुरु)
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“यह काला कानून है, वक्फ संपत्तियों को नष्ट कर देगा। सुप्रीम कोर्ट ही हमारी आखिरी उम्मीद है।”
सरकार की सफाई
🗨️ किरेन रिजिजू (केंद्रीय मंत्री)
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“हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी किसी की जमीन पर ‘जबरन कब्जा’ न कर सके।”
अब आगे क्या?
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कुल 70 से अधिक याचिकाएं कोर्ट में दाखिल।
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सुप्रीम कोर्ट तय करेगा कि क्या यह मामला हाईकोर्ट में भेजा जाए या नहीं।
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अंतरिम राहत (स्टे) पर जल्द फैसला हो सकता है।
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अगली सुनवाई की तारीख का इंतज़ार।
📌 निष्कर्ष: वक्फ अधिनियम 2025 को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बहस गर्म है। जहां एक तरफ सरकार इसे ज़मीनों पर जबरन कब्जे से रोकने वाला कानून मानती है, वहीं विपक्षी नेता और मुस्लिम संगठन इसे धार्मिक अधिकारों में दखल बताते हैं। आने वाले दिनों में सुप्रीम कोर्ट का फैसला तय करेगा कि देश में वक्फ संपत्तियों का भविष्य क्या होगा।
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