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मंगलवार, 1 अप्रैल 2025

वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विवाद: कांग्रेस ने बताया संविधान पर हमला, राजग ने समर्थन का दावा किया

 

वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विवाद: कांग्रेस ने बताया संविधान पर हमला, राजग ने समर्थन का दावा किया






We News 24 Hindi /  विवेक श्रीवास्तव 

नई दिल्ली 01 अप्रेल 2025 : कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने वक्फ (संशोधन) विधेयक को संविधान पर सीधा हमला बताते हुए इसके क्रियान्वयन का विरोध करने का संकल्प लिया है। उन्होंने राजग के सहयोगी दलों, तेदेपा और जदयू, से इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करने की मांग की है।रमेश ने कहा कि यह विधेयक संविधान की बुनियाद के खिलाफ है और इसे संयुक्त संसदीय समिति के माध्यम से थोपा गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर सरकार इसे लागू करती है, तो कांग्रेस लोकतांत्रिक तरीके से इसका विरोध करेगी। 


कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश



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उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और आप जैसी विपक्षी पार्टियां भी इस विधेयक का विरोध कर रही हैं।उन्होंने सवाल उठाया कि जदयू और तेदेपा जैसी पार्टियां, जो खुद को पंथनिरपेक्ष कहती हैं, इस पर क्या रुख रखती हैं।


मंत्री किरेन रिजिजू




वहीं, संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने दावा किया कि विधेयक के पक्ष में सिर्फ राजग ही एकजुट नहीं है, बल्कि विपक्षी आईएनडीआईए के भी कई सांसदों ने इसका समर्थन करते हुए जल्द बिल लाने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी सांसद अपने नेताओं के डर की वजह से खुलकर नहीं बोल रहे हैं।



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रिजिजू ने यह भी कहा कि कुछ राजनीतिक दल और संगठन वक्फ संशोधन बिल को लेकर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि संशोधित विधेयक में गरीब-पिछड़े मुसलमानों और महिलाओं के भले के लिए प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग दुष्प्रचार कर रहे हैं कि मुसलमानों की मस्जिदें, कब्रिस्तान


मस्जिदें, कब्रिस्तान

और जमीन-जायदाद छीन ली जाएगी, जबकि यह कानून आजादी से पहले था और बाद में भी है।इस बीच, कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया ने पत्र लिखकर विधेयक का समर्थन किया है। 



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कैथोलिक बिशप कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया


कॉन्फ्रेंस ने कहा कि मौजूदा केंद्रीय वक्फ अधिनियम में कुछ प्रावधान संविधान और देश के धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध हैं।उन्होंने कहा कि केरल में वक्फ बोर्ड ने मुनंबम क्षेत्र में 600 से अधिक परिवारों की पैतृक आवासीय संपत्तियों को वक्फ भूमि घोषित करने के लिए इन प्रावधानों का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में यह मुद्दा एक जटिल कानूनी विवाद में बदल गया है और सिर्फ कानूनी संशोधन ही इसका स्थायी समाधान कर सकते हैं। बिशप कान्फ्रेंस ने राजनीतिक दलों से इस मुद्दे पर निष्पक्ष और रचनात्मक दृष्टिकोण अपनाने की अपील की है।

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