नई दिल्ली :। राजधानी की सड़कों पर दौड़ते ई-रिक्शा एक ओर जहां लाखों लोगों के लिए लास्ट माइल कनेक्टिविटी का सस्ता और प्रदूषण रहित साधन बने हैं, वहीं दूसरी ओर यह सेवा अब अव्यवस्था, कानून तोड़ने और सुरक्षा के लिहाज से बड़ी चुनौती बनती जा रही है। अब सवाल यह है कि क्या ये ई-रिक्शा यूं ही सड़कों पर दौड़ते रहेंगे या नई नीति के तहत इन पर कोई सख्त कार्रवाई होने वाली है?
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नई EV पॉलिसी का फोकस – अवैध ई-रिक्शा पर शिकंजा
दिल्ली सरकार की नई इलेक्ट्रिक वाहन नीति में ई-रिक्शा को बैन करने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन अवैध संचालन पर सरकार पूरी तरह सख्त है। परिवहन विभाग की मानें तो अब बिना पंजीकरण और नियमों के खिलाफ चलने वाले ई-रिक्शा पर कार्रवाई तेज होगी।
प्रमुख सड़कों से दूर रहेंगे ई-रिक्शा
ई-रिक्शा फिलहाल दिल्ली की 236 प्रमुख सड़कों पर प्रतिबंधित हैं, क्योंकि यह वाहन रफ्तार और संतुलन के मामले में सीएनजी ऑटो से पीछे हैं। इन्हें ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं का कारण भी माना गया है। बावजूद इसके, कई ई-रिक्शा इन सड़कों पर धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं।
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सुरक्षा पर सबसे बड़ा सवाल
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कई इलाकों में ई-रिक्शा छोटे बच्चों द्वारा भी चलाए जा रहे हैं।
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अवैध रूप से तैयार किए गए जुगाड़ू ई-रिक्शा हादसों की वजह बन रहे हैं।
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ओवरलोडिंग और चालक सीट पर सवारी बैठाने जैसी गंभीर गड़बड़ियां आम हैं।
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चौंकाने वाले आंकड़े – लाखों ई-रिक्शा अवैध!
दिल्ली में पंजीकृत ई-रिक्शा की कुल संख्या सिर्फ 1.5 लाख के करीब है, जबकि अवैध ई-रिक्शा की संख्या कई लाख बताई जा रही है।
वर्ष | पंजीकृत ई-रिक्शा |
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2021 | 11,434 |
2022 | 13,611 |
2023 | 17,546 |
2024 | 27,000 |
2025 | 15,013 (अब तक) |
2024 में कुल चालान: 2,78,090
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गलत पार्किंग: 1,56,864
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बिना फिटनेस: 4,551
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बिना इंश्योरेंस: 11,736
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बिना लाइसेंस: 27,724
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नो एंट्री में प्रवेश: 42,740
2025 की शुरुआत (जनवरी से मार्च) में ही 64,852 चालान काटे जा चुके हैं।
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सरकार क्या कर रही है?
दिल्ली सरकार का मानना है कि ई-रिक्शा एक अच्छा विकल्प है, बशर्ते वह नियमों के तहत संचालित हों। नई ईवी नीति में ई-रिक्शा के लिए फिर से सब्सिडी देने की योजना पर विचार किया जा रहा है। साथ ही, अवैध ई-रिक्शा चलाने वालों को परिवहन विभाग में पंजीकरण कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
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निष्कर्ष
ई-रिक्शा दिल्ली के परिवहन सिस्टम में एक अहम कड़ी बन चुके हैं। लेकिन जब तक इनका संचालन नियमों के अनुसार और पंजीकरण के साथ नहीं होता, तब तक ये न केवल ट्रैफिक व्यवस्था को बाधित करेंगे, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा को भी खतरे में डालते रहेंगे।
अब देखना ये होगा कि सरकार सख्ती से इस समस्या को नियंत्रित कर पाएगी या फिर ये ई-रिक्शा यूं ही जी का जंजाल बने रहेंगे।
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दिल्ली सरकार द्वारा 2014 में मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 115 के तहत जारी अधिसूचना में शामिल है। हालांकि, इस अधिसूचना में सभी 236 प्रतिबंधित सड़कों की पूरी सूची नहीं दी गई है, लेकिन कुछ प्रमुख मार्गों का उल्लेख किया गया है जहां ई-रिक्शा के संचालन पर रोक है। इस निर्णय का उद्देश्य ट्रैफिक जाम और सुरक्षा संबंधी चिंताओं को कम करना है।
प्रमुख प्रतिबंधित सड़कों में शामिल हैं:
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नई दिल्ली क्षेत्र:
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संसद मार्ग
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बाबा खड़ग सिंह मार्ग
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मिंटो रोड
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कॉपरनिकस मार्ग
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बाराखंभा रोड
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फिरोजशाह रोड
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विजय चौक
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टॉलस्टॉय मार्ग
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सेंट्रल दिल्ली:
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आईपी मार्ग
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विकास मार्ग
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बहादुरशाह ज़फर मार्ग
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न्यू रोहतक रोड
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फैज़ रोड
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चित्रगुप्त रोड
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अन्य क्षेत्र:
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रिंग रोड के अधिकांश हिस्से
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लुटियंस ज़ोन
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केजी मार्ग
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जनपथ
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राजपथ
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इनके अलावा, दक्षिणी दिल्ली में प्रतिबंधित प्रमुख मार्ग:
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महरौली-गुड़गांव रोड (MG रोड): यह मार्ग दक्षिणी दिल्ली को गुड़गांव से जोड़ता है और यहां ई-रिक्शा के संचालन पर प्रतिबंध है।
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आउटर रिंग रोड: यह दिल्ली की परिधि पर स्थित एक प्रमुख मार्ग है, जहां ई-रिक्शा के संचालन की अनुमति नहीं है।
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एमबी रोड (महरौली-बदरपुर रोड): यह मार्ग महरौली से बदरपुर तक जाता है और यहां भी ई-रिक्शा प्रतिबंधित हैं।
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अरविंदो मार्ग: यह मार्ग आईआईटी दिल्ली और एम्स जैसे महत्वपूर्ण संस्थानों के पास से गुजरता है और यहां ई-रिक्शा के संचालन पर रोक है।
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मथुरा रोड: यह मार्ग दिल्ली के दक्षिणी हिस्से में स्थित है और यहां भी ई-रिक्शा प्रतिबंधित हैं।
नोट: यह प्रतिबंध 2014 में लागू किया गया था और समय के साथ इसमें संशोधन हो सकते हैं। अद्यतन जानकारी के लिए दिल्ली परिवहन विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या संबंधित विभाग से संपर्क करना उचित होगा।
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