हैदराबाद के ‘फेफड़े’ कहे जाने वाले कांचा गाचीबोवली जंगल की कटाई पर रोक लगाए सरकार राष्ट्रीय जंगल एवं प्रकृति बचाओ अभियान भारत की मांग – सड़क से संसद तक उठेगी आवाज
We News 24 Hindi / रिपोर्ट: वरिष्ठ पत्रकार दीपक कुमार
नई दिल्ली – दिनांक:7 अप्रैल 2025 एक ओर देश में पर्यावरण संरक्षण की बात की जा रही है, दूसरी ओर हैदराबाद के कांचा गाचीबोवली जंगल में 400 एकड़ हरित क्षेत्र को रातों-रात बेरहमी से नष्ट किया जा रहा है। यह क्षेत्र हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी (HCU) के पास स्थित है, जिसे शहर के ‘लंग्स’ यानी फेफड़े कहा जाता है। 30 मार्च से 2 अप्रैल 2025 के बीच 2 वर्ग किलोमीटर में फैले पेड़-पौधों और जैव विविधता को भारी मशीनों के ज़रिए मिटा दिया गया। सूत्रों के मुताबिक, 50 से ज्यादा अर्थमूविंग मशीनें इस विनाशकारी अभियान में लगाई गईं।
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क्या है मामला?
HCU कैंपस के पास स्थित कांचा गाचीबोवली जंगल में पेड़ काटे गए
आईटी पार्क निर्माण के लिए पेड़ों की कटाई की गई
सैटेलाइट इमेज में साफ़ दिखी वनस्पति का विनाश
बेजुबान वन्य जीवों की बर्बरतापूर्वक हत्या की गई
प्रदर्शन और कानूनी पहल
HCU के छात्र, शिक्षक और पर्यावरणविद् लगातार विरोध कर रहे हैं
तेलंगाना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से जवाब तलब किया है
अगली सुनवाई 16 अप्रैल 2025 को प्रस्तावित
क्या कहते हैं पर्यावरण प्रेमी?
"जब भगवान राम 14 वर्ष के वनवास में थे, तो इन्हीं वनों और जीवों ने उनका साथ दिया। आज अगर हम 'रामराज्य' की बात करते हैं, तो सबसे पहले हमें प्रकृति और उसके प्राणियों का सम्मान करना होगा।"
ऑनलाइन मीटिंग में बनी रणनीति
राष्ट्रीय जंगल एवं प्रकृति बचाओ अभियान भारत के बैनर तले आयोजित वेबीनार में 22 राज्यों के 30 से अधिक पर्यावरण प्रेमियों ने भाग लिया और इस विनाशकारी परियोजना के विरुद्ध संगठित जनआंदोलन की रूपरेखा तैयार की। वे सभी मुख्यमंत्री, राज्यपाल, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन भेजेंगे और हर स्तर पर विरोध दर्ज कराएंगे।
प्रमुख बातें वेबिनार से
संचालन: अनुराग बिश्नोई (फाउंडर मेंबर)
विषय प्रस्तुति: राजेश यादव (फाउंडर मेंबर)
भागीदारी: उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, राजस्थान, बिहार, यूपी, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र, झारखंड आदि राज्यों से
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सक्रिय भूमिका निभाने वाले:
मनोज डागा, पीयूष बिश्नोई, रामकुमार बघेल, नैपाल सिंहपाल, पूनम खन्ना, भजनलाल विश्नोई, संजय कुमार, आसिफ मंसूरी, गरिमा सिंह, दीपाली सिंह सहित कई अन्य पर्यावरण प्रेमी।
हमारी मांगें
कांचा गाचीबोवली जंगल की कटाई पर तत्काल रोक लगाई जाए
इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए
आईटी पार्क परियोजना के वैकल्पिक स्थान की व्यवस्था की जाए
केंद्र व राज्य सरकार वन्य जीव संरक्षण और जलवायु संतुलन को प्राथमिकता दे
"विकास के नाम पर विनाश बंद हो!"
"पेड़ नहीं, जीवन काटे जा रहे हैं!"
"प्रकृति को बचाना है तो अब आवाज़ उठानी होगी!"
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