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नई दिल्ली | विशेष रिपोर्ट हिंदू धर्म में काल (समय) को केवल एक भौतिक तत्व नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक चेतना के रूप में देखा गया है। इसी काल को समझने और शुभ-अशुभ समय का निर्धारण करने के लिए हिंदू पंचांग या हिंदू कैलेंडर का उपयोग किया जाता है, जिसकी परंपरा अत्यंत प्राचीन और वैदिक काल से चली आ रही है।
🌙 चंद्रगति पर आधारित है हिंदू पंचांग
हिंदू कैलेंडर को चंद्र-सौर पंचांग कहा जाता है क्योंकि यह मुख्यतः चंद्रमा की गति पर आधारित होता है।
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इसमें 12 चंद्रमास (Lunar Months) होते हैं।
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प्रत्येक माह चंद्रमा के पूर्ण चक्र (अमावस्या से पूर्णिमा तक और पुनः अमावस्या तक) पर आधारित होता है।
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एक हिंदू वर्ष में लगभग 354 दिन होते हैं।
इस अंतर को सौर वर्ष (365 दिन) से संतुलित करने के लिए हर तीन वर्षों में एक अधिमास (extra month) जोड़ा जाता है, जिसे मलमास भी कहा जाता है।
📅 हिंदू वर्ष की शुरुआत और महीनों के नाम
हिंदू कैलेंडर की शुरुआत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा (मार्च-अप्रैल) से होती है, जिसे हिंदू नववर्ष भी कहते हैं।
हिंदू महीनों के नाम इस प्रकार हैं:
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चैत्र
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वैशाख
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ज्येष्ठ
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आषाढ़
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श्रावण
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भाद्रपद
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आश्विन
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कार्तिक
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मार्गशीर्ष
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पौष
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माघ
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फाल्गुन
🔭 क्या है पंचांग?
पंचांग का शाब्दिक अर्थ है – पांच अंगों वाला। ये पांच अंग होते हैं:
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तिथि (Date) – चंद्रमा की स्थिति के अनुसार दिन।
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वार (Day) – सप्ताह के सात दिन।
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नक्षत्र (Constellation) – चंद्रमा की स्थिति के आधार पर 27 नक्षत्र।
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योग (Astronomical Combination) – चंद्र और सूर्य की युति।
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करण (Half of Tithi) – तिथि का आधा भाग।
इन पांचों तत्वों को देखकर ही शुभ मुहूर्त, व्रत, त्यौहार, विवाह आदि की तिथियों का निर्धारण किया जाता है।
📖 कितना पुराना है हिंदू कैलेंडर?
पुराणों और वेदों में समय की गणना युगों, मन्वंतर और कल्पों के अनुसार की गई है, जो आज की किसी भी वैज्ञानिक समय-गणना प्रणाली से कहीं अधिक विस्तृत है।
🧘♂️ क्यों देखा जाता है पंचांग?
🌺 निष्कर्ष:
📜 2025 का हिंदू पंचांग (व्रत व त्यौहार सहित)
जनवरी | |
15 जनवरी | मकर संक्रांति |
29 जनवरी | षट्तिला एकादशी |
30 जनवरी | पौष पूर्णिमा |
फरवरी | |
11 फरवरी | जया एकादशी |
13 फरवरी | मासिक शिवरात्रि |
14 फरवरी | माघ अमावस्या |
26 फरवरी | होलाष्टक आरंभ |
मार्च | |
09 मार्च | आमलकी एकादशी |
13 मार्च | रंगभरी एकादशी / महाशिवरात्रि |
14 मार्च | होलिका दहन |
15 मार्च | रंगवाली होली |
27 मार्च | चैत्र नवरात्रि आरंभ |
31 मार्च | राम नवमी |
अप्रैल | |
08 अप्रैल | महावीर जयंती |
09 अप्रैल | चैत्र पूर्णिमा |
12 अप्रैल | हनुमान जयंती |
13 अप्रैल | मेष संक्रांति / बैसाखी |
22 अप्रैल | वरुथिनी एकादशी |
मई | |
06 मई | अक्षय तृतीया |
10 मई | नरसिंह जयंती |
21 मई | वट सावित्री व्रत |
22 मई | अपरा एकादशी |
जून | |
06 जून | गंगा दशहरा |
08 जून | निर्जला एकादशी |
21 जून | योग दिवस / ज्येष्ठ पूर्णिमा |
जुलाई | |
06 जुलाई | देवशयनी एकादशी |
09 जुलाई | आषाढ़ पूर्णिमा |
21 जुलाई | गुरु पूर्णिमा |
अगस्त | |
03 अगस्त | कामिका एकादशी |
08 अगस्त | रक्षाबंधन |
15 अगस्त | श्रीकृष्ण जन्माष्टमी |
17 अगस्त | अजा एकादशी |
28 अगस्त | गणेश चतुर्थी |
सितंबर | |
06 सितंबर | ऋषि पंचमी |
10 सितंबर | अनंत चतुर्दशी |
17 सितंबर | पितृ पक्ष आरंभ |
अक्टूबर | |
02 अक्टूबर | शारदीय नवरात्रि आरंभ |
10 अक्टूबर | महा अष्टमी |
11 अक्टूबर | महानवमी / हवन |
12 अक्टूबर | विजयदशमी / दशहरा |
17 अक्टूबर | करवा चौथ |
25 अक्टूबर | धनतेरस |
26 अक्टूबर | नरक चतुर्दशी |
27 अक्टूबर | दीपावली 🪔 |
28 अक्टूबर | गोवर्धन पूजा |
29 अक्टूबर | भैया दूज |
नवंबर | |
09 नवंबर | देवउठनी एकादशी |
13 नवंबर | तुलसी विवाह |
24 नवंबर | काल भैरव जयंती |
दिसंबर | |
04 दिसंबर | मोक्षदा एकादशी |
11 दिसंबर | मार्गशीर्ष पूर्णिमा |
30 दिसंबर | पौष अमावस्या |
📌 टिप्स:
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ये चार्ट धार्मिक पंचांग (Vikram Samvat) के अनुसार तैयार किया गया है।
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क्षेत्रीय मतानुसार कुछ तिथियाँ बदल सकती हैं, विशेषकर दक्षिण भारत के पंचांग में।
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📜 जय श्री राम 🙏
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