We News 24 Hindi / रिपोर्ट: रघु जाधव
मुंबई, भारत :- तारीख: 7 अप्रैल 2025 अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के टैरिफ का असर भारतीय शेयर बाजार में भी देखने को मिल रहा है. शेयर बाजार सोमवार 7 अप्रैल को क्रैश हो गए। भारतीय बाजार के दोनों प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी भारी गिरावट के साथ ओपन हुए. इसके बाद इनमें जबरदस्त गिरावट देखने को मिली. सोमवार को सेंसेक्स 3914.75 अंक की भारी गिरावट के साथ खुला. शुक्रवार को ये 75,364.69 पर क्लोज हुआ था जो सोमवार सुबह 71,449.94 अंक पर खुला. वहीं दूसरी ओर निफ्टी50, 146.05 अंक की गिरावट के साथ 21,758.40 अंक पर ओपन हुआ. इससे पहले शुक्रवार को ये 22,904.45 अंक पर क्लोज
1-हुआ था.प्रमुख इंडेक्स में भारी गिरावट
सेंसेक्स 3,900 अंक (5.2%) गिरकर 71,425 पर खुला, जबकि शुक्रवार को यह 75,364 पर बंद हुआ था । निफ्टी 1,160 अंक (4.9%) लुढ़ककर 21,743 पर पहुंचा, जो पिछले 10 महीनों का सबसे निचला स्तर है 46।
निवेशकों की हानि: बाजार खुलने के पहले 10 मिनट में ही निवेशकों के ₹18 लाख करोड़ डूब गए ।
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2. गिरावट के प्रमुख कारण
अमेरिकी टैरिफ नीति: डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को भारत सहित 180 देशों पर 26% टैरिफ लगाया, जिसके जवाब में चीन ने अमेरिकी उत्पादों पर 34% टैरिफ लगा दिया ।
वैश्विक बाजारों में हाहाकार:
जापान का निक्केई 7.8%, हांगकांग का हैंगसेंग 10%, ताइवान का इंडेक्स 10.64% गिरा ।अमेरिकी बाजारों में S&P 500 और नैस्डैक ने शुक्रवार को 6% की गिरावट दर्ज की थी 8। FPI की बिकवाली: अप्रैल में विदेशी निवेशकों ने ₹13,730 करोड़ के शेयर बेचे ।
3. सेक्टरवार प्रभाव
सबसे ज्यादा प्रभावित सेक्टर:
मेटल (-8%): टाटा स्टील 10% गिरा।
आईटी (-7%): इंफोसिस, TCS में 5-8% गिरावट ।
ऑटो (-5%): टाटा मोटर्स 8% लुढ़का ।
स्मॉलकैप और मिडकैप: BSE स्मॉलकैप 6.2%, मिडकैप 4.6% टूटे ।
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4. विशेषज्ञों की राय
शरद कोहली (बाजार विश्लेषक): "यह एक ब्लैक मंडे है। ट्रंप की टैरिफ नीति से वैश्विक मंदी का खतरा बढ़ गया है" ।
गोल्डमैन सैक्स: अमेरिका में मंदी की आशंका 35% से बढ़कर 60% हो गई है ।
5. आगे क्या हो सकता है?
RBI की बैठक (9 अप्रैल): ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद ।
तिमाही नतीजे: TCS के नतीजे (10 अप्रैल) से बाजार को दिशा मिलेगी ।
तकनीकी संकेतक: निफ्टी के 21,500 तक गिरने की आशंका ।
निष्कर्ष
7 अप्रैल 2025 को भारतीय शेयर बाजार ने 4 जून 2024 के बाद सबसे बड़ी गिरावट देखी। ट्रंप की टैरिफ नीति, वैश्विक बिकवाली और आर्थिक मंदी के डर ने निवेशकों को झटका दिया। अगले कुछ दिनों में बाजार की दिशा RBI की नीतियों और कंपनियों के नतीजों पर निर्भर करेगी।
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