We News 24 Hindi / रिपोर्ट :-सीनियर रिपोर्टर दीपक कुमार
नई दिल्ली:- भारत एक लोकतांत्रिक गणराज्य है, जहाँ संविधान सर्वोच्च है। सरकार (कार्यपालिका) और सुप्रीम कोर्ट (न्यायपालिका) दोनों की शक्तियाँ अलग-अलग हैं, लेकिन कोई भी संविधान से ऊपर नहीं है। आइए समझते हैं कि किसकी क्या भूमिका है:
संविधान के अनुसार शक्ति का बँटवारा
भारतीय संविधान "शक्तियों के पृथक्करण" (Separation of Powers) के सिद्धांत पर काम करता है, जिसमें:
कार्यपालिका (सरकार) – कानून लागू करती है।
विधायिका (संसद/विधानसभाएँ) – कानून बनाती है।
न्यायपालिका (सुप्रीम कोर्ट/हाईकोर्ट) – कानूनों की व्याख्या करती है और उनकी संवैधानिकता की जाँच करती है।
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सुप्रीम कोर्ट की शक्तियाँ (न्यायिक पुनरावलोकन)
सुप्रीम कोर्ट को संविधान का संरक्षक माना जाता है और इसके पास निम्न अधिकार हैं:
कानूनों को रद्द करने की शक्ति – अगर कोई कानून संविधान के खिलाफ हो, तो SC उसे अमान्य कर सकता है। (जैसे: NJAC को रद्द करना)
सरकार के फैसलों को चुनौती देना – SC सरकार के आदेशों, योजनाओं या नीतियों की जाँच कर सकता है। (जैसे: Aadhaar की संवैधानिकता की जाँच)
मौलिक अधिकारों की रक्षा – SC किसी भी नागरिक के अधिकारों की हिफाजत कर सकता है। (जैसे: समलैंगिकता को अपराध से हटाना)
सरकार (कार्यपालिका) की शक्तियाँ
सरकार के पास प्रशासनिक और नीति-निर्माण की शक्ति होती है, जैसे:
कानून बनाना (संसद के माध्यम से)
बजट पास करना और नीतियाँ लागू करना
अंतर्राष्ट्रीय समझौते करना
लेकिन, सरकार का कोई भी फैसला संविधान या सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ नहीं हो सकता।
कौन अधिक शक्तिशाली?
पहलू | सरकार | सुप्रीम कोर्ट |
---|---|---|
कानून बनाना | ✅ हाँ (संसद के माध्यम से) | ❌ नहीं |
कानून रद्द करना | ❌ नहीं | ✅ हाँ (असंवैधानिक कानून हटा सकता है) |
संविधान में संशोधन | ✅ हाँ (लेकिन बेसिक स्ट्रक्चर नहीं बदल सकती) | ❌ नहीं, लेकिन व्याख्या कर सकता है |
आपातकाल लगाना | ✅ हाँ (राष्ट्रपति की सलाह पर) | ❌ नहीं, लेकिन जाँच कर सकता है |
निष्कर्ष: कौन बड़ा?
संविधान सबसे ऊपर है, और सुप्रीम कोर्ट उसकी व्याख्या करता है।
सरकार कानून बनाती है, लेकिन SC उसे रद्द कर सकता है।
SC सरकार के फैसलों को चुनौती दे सकता है, लेकिन सरकार न्यायपालिका में दखल नहीं दे सकती।
अंतिम उत्तर:
शक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट अधिक प्रभावशाली है, क्योंकि वह सरकार के किसी भी असंवैधानिक कदम को रोक सकता है।
लेकिन सरकार का अपना दायरा है, जहाँ वह नीतियाँ बनाकर देश चलाती है।
दोनों संविधान के अधीन हैं और एक-दूसरे की शक्तियों का सम्मान करते हैं।
क्या आपको लगता है कि सुप्रीम कोर्ट को सरकार पर इतनी शक्ति होनी चाहिए? कमेंट में बताएँ!
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