We News 24 Hindi / रिपोर्ट: दिनेश कुमार जायसवाल
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लखनऊ:-उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सोमवार रात को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब लोकबंधु अस्पताल की इमारत से आग की भयंकर लपटें और धुएं के गुबार उठने लगे। दूसरी मंजिल से शुरू हुई यह आग इतनी तेजी से फैली कि अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई। मरीज, उनके परिजन और स्टाफ भय और दहशत में इधर-उधर भागते नज़र आए। गनीमत रही कि मौके पर पहुंचे दमकल विभाग और पुलिस ने क़रीब 40 ICU मरीजों को सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया, जबकि 200 से ज़्यादा मरीजों को केजीएमयू, सिविल और बलरामपुर अस्पतालों में शिफ्ट किया गया।
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दमकल विभाग और पुलिस की तत्परता ने बचाई सैकड़ों जानें
घटना की सूचना मिलते ही दमकल की कई गाड़ियां और पुलिस टीम मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। आग पर काबू पाने के लिए युद्धस्तर पर अभियान चलाया गया। प्रशासन का दावा है कि अब तक किसी की मौत या गंभीर रूप से घायल होने की कोई खबर नहीं है, जो राहत की बात है।
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री लगातार निगरानी में
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना का संज्ञान लेते हुए सभी अधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए। वहीं उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक मौके पर पहुंचे और हालात का जायज़ा लिया। उन्होंने बताया कि
"अस्पताल के ग्राउंड फ्लोर पर धुआं दिखा, तुरंत रेस्क्यू शुरू किया गया। लगभग 200 मरीजों को अन्य अस्पतालों में सुरक्षित स्थानांतरित कर दिया गया है।"
जिला प्रशासन की प्रतिक्रिया
डीएम विशाक जी अय्यर ने बताया:
"आग लगने की सूचना मिलते ही फायर और रेस्क्यू टीमों को रवाना किया गया। सभी मरीजों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है। आग अब नियंत्रण में है और स्थिति सामान्य हो रही है।"
पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र सेंगर ने भी पुष्टि की कि फायर ब्रिगेड और पुलिस की संयुक्त टीम ने बेहद कुशलता से रेस्क्यू और नियंत्रण का काम किया है।
अस्पताल प्रशासन का अब तक चुप्पी पर सवाल
हैरानी की बात ये है कि इस पूरी घटना को लेकर अस्पताल प्रशासन की तरफ से कोई आधिकारिक बयान अब तक जारी नहीं किया गया है। एक सवाल यह भी उठ रहा है कि ऐसी आगजनी आखिर कैसे हुई? क्या अस्पताल में फायर सेफ्टी के मानक पूरे किए गए थे?
जांच की ज़रूरत, जवाबदेही की मांग
इस हादसे ने स्वास्थ्य व्यवस्था की तैयारियों पर बड़ा सवाल खड़ा किया है। यदि दमकल और पुलिस समय पर न पहुंचती, तो बड़ा हादसा हो सकता था। अब ज़रूरत है एक निष्पक्ष जांच की, ताकि यह सामने आ सके कि आग किन परिस्थितियों में लगी और क्या इसमें किसी की लापरवाही थी।
लखनऊवासियों ने राहत की सांस तो ली है, लेकिन डर और सवाल अब भी कायम हैं।
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