We News 24 Hindi / रिपोर्ट: अंजली कुमारी
Mahavir Jayanti 2025: जैन धर्म के सबसे पवित्र पर्वों में से एक महावीर जयंती इस साल 10 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी। यह पर्व जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी की जयंती के रूप में पूरे देश में श्रद्धा और उत्साह से मनाया जाता है।
कब है महावीर जयंती 2025?
हिंदू पंचांग के अनुसार, महावीर जयंती चैत्र शुक्ल त्रयोदशी के दिन आती है। इस साल यह तिथि 10 अप्रैल 2025, गुरुवार को पड़ रही है। इस दिन जैन समाज में सुबह प्रभात फेरी, शोभा यात्रा, अभिषेक और विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
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कौन थे भगवान महावीर?
भगवान महावीर स्वामी का जन्म ईसा पूर्व 599 में हुआ था। उन्होंने अल्पायु में ही सांसारिक जीवन त्यागकर संन्यास ले लिया और कठोर तपस्या के बाद कैवल्य ज्ञान प्राप्त किया। भगवान महावीर ने जीवन भर अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह जैसे सिद्धांतों का प्रचार किया, जो आज भी जैन धर्म की नींव हैं।
महावीर स्वामी के पांच महान सिद्धांत
महावीर स्वामी ने मानव जीवन को शांतिपूर्ण और संतुलित बनाने के लिए पांच महत्वपूर्ण सिद्धांत दिए:
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अहिंसा – किसी भी जीव को हानि न पहुंचाना
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सत्य – सदैव सत्य बोलना
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अस्तेय – चोरी न करना
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ब्रह्मचर्य – इंद्रियों पर संयम
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अपरिग्रह – संग्रह की भावना का त्याग
इन सिद्धांतों को पंचशील कहा जाता है, जो आज भी जैन समाज के नैतिक जीवन की दिशा तय करते हैं।
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कैसे मनाई जाती है महावीर जयंती?
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प्रभात फेरी: सुबह-सुबह भक्तजन भक्ति गीत गाते हुए प्रभात फेरी निकालते हैं।
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शोभा यात्रा: भगवान महावीर की भव्य पालकी शोभा यात्रा के रूप में नगर भ्रमण करती है।
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कलशाभिषेक: स्वर्ण और रजत कलशों से भगवान महावीर की मूर्ति का जलाभिषेक किया जाता है।
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ध्वजारोहण: जिनालयों के शिखरों पर ध्वज चढ़ाया जाता है।
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सामूहिक भक्ति कार्यक्रम: जैन मंदिरों में दिनभर प्रवचन, ध्यान, पूजा और भजन कीर्तन होते हैं।
महत्व और संदेश
महावीर जयंती सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि आत्मशुद्धि, संयम और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि आंतरिक शांति पाने के लिए त्याग और अनुशासन कितना जरूरी है।
👉 आप भी इस महावीर जयंती पर भगवान महावीर के सिद्धांतों को जीवन में अपनाएं और समाज में शांति, करुणा और सद्भाव का संदेश फैलाएं।
"जियो और जीने दो" – यही है भगवान महावीर का मूल मंत्र। 🌿
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