We News 24 Hindi / रिपोर्ट: सुजीत कुमार विश्वास
कोलकाता, 9 अप्रैल 2025 : पश्चिम बंगाल में वक्फ (संशोधन) कानून को लेकर जारी विरोध के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को एक साहसिक और स्पष्ट रुख अपनाया। जैन समुदाय द्वारा आयोजित विश्व नवकार महामंत्र दिवस के अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए, बनर्जी ने राज्य के मुस्लिम समुदाय को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार उनकी संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी और राज्य में धार्मिक आधार पर विभाजन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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वक्फ कानून पर कड़ा रुख
ममता बनर्जी ने अपने संबोधन में जोर देकर कहा, "हम बंगाल में वक्फ बिल लागू नहीं होने देंगे। मेरी सरकार धार्मिक आधार पर बंगाल का विभाजन नहीं होने देगी।" उन्होंने समुदाय की भावनाओं को समझते हुए कहा, "मैं जानती हूं कि वक्फ अधिनियम के लागू होने से आप दुखी हैं, मगर भरोसा रखें, बंगाल में ऐसा कुछ नहीं होगा। बंगाल में 'फूट डालो और राज करो' की नीति नहीं चलेगी।" मुख्यमंत्री ने शांति और एकता का संदेश देते हुए कहा, "आपको 'जियो और जीने दो' का संदेश देना चाहिए। बंगाल में रहने वालों को सुरक्षा देना हमारा काम है।"
उन्होंने राजनीतिक उकसावे से बचने की अपील करते हुए कहा, "मैं आप सभी से अपील करती हूं कि अगर कोई आपको राजनीतिक रूप से इकट्ठा होने के लिए उकसाता है, तो कृपया ऐसा न करें। याद रखें, दीदी आपकी और आपकी संपत्ति की रक्षा करेंगी। अगर हम साथ रहेंगे, तो हम दुनिया जीत सकते हैं।"
भाजपा पर निशाना और एकता की वकालत
ममता ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि वक्फ संशोधन कानून देश को बांटने की साजिश का हिस्सा है। उन्होंने बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति का हवाला देते हुए कहा, "मेरा मानना है कि इसे अभी पारित नहीं किया जाना चाहिए था। बंगाल में विभाजन नहीं होगा, जियो और जीने दो।" उन्होंने जोर देकर कहा, "अगर किसी को मेरी संपत्ति लेने का अधिकार नहीं है, तो मैं कैसे कह सकती हूं कि किसी और की संपत्ति ली जा सकती है?"
मुख्यमंत्री ने राज्य में सभी धर्मों के प्रति समान सम्मान की बात दोहराई और कहा, "हमें 30 फीसदी (मुसलमानों) को साथ लेकर चलना होगा। हमारा उद्देश्य जोड़ना है, बांटना नहीं। जब हम एकजुट रहेंगे, तो देश आगे बढ़ेगा।"
धार्मिक सौहार्द और अल्पसंख्यक समर्थन
ममता ने उन आरोपों को खारिज किया जो दावा करते हैं कि उनकी सरकार हिंदू धर्म को संरक्षण नहीं देती। उन्होंने कहा, "कुछ लोग बंगाल को बदनाम कर रहे हैं, कह रहे हैं कि मैं राज्य में हिंदू धर्म को संरक्षण नहीं देती। फिर सबको संरक्षण कौन देता है? मुझे बंगाल के अल्पसंख्यकों को श्रेय देना चाहिए जो राज्य में हिंदू त्योहार भी मनाते हैं।" उन्होंने गर्व के साथ कहा, "मुझे यह कहते हुए गर्व होता है कि यह बंगाल है और हम सभी धर्मों का सम्मान करते हैं।"
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वक्फ संशोधन कानून का संदर्भ
बता दें कि वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को हाल ही में संसद के दोनों सदनों से पारित किया गया है और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के बाद यह देशभर में लागू हो गया है। लोकसभा में 3 अप्रैल को इस विधेयक को 288 के मुकाबले 232 वोटों से और राज्यसभा में 4 अप्रैल को 128 के मुकाबले 95 वोटों से मंजूरी मिली। हालांकि, विपक्षी दलों और कई मुस्लिम संगठनों ने इस कानून का पुरजोर विरोध किया है, जिसके चलते पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन देखने को मिले हैं।
निष्कर्ष
ममता बनर्जी का यह बयान न केवल राज्य में वक्फ कानून के खिलाफ उनके दृढ़ रुख को दर्शाता है, बल्कि बंगाल में धार्मिक सौहार्द और एकता को बनाए रखने की उनकी प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि राज्य सरकार इस कानून को लागू होने से कैसे रोकती है और इसका राजनीतिक परिदृश्य पर क्या प्रभाव पड़ता है।
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