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शुक्रवार, 11 अप्रैल 2025

वक्फ कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे मुसलमान, कोलकाता-मुंबई-श्रीनगर में हंगामा, वारिस पठान हिरासत में

वक्फ कानून के खिलाफ सड़कों पर उतरे मुसलमान, कोलकाता-मुंबई-श्रीनगर में हंगामा, वारिस पठान हिरासत में



We News 24 Hindi /   रिपोर्ट: न्यूज़ डेस्क


नई दिल्ली 11 अप्रैल 2025 :- देश में नया वक्फ कानून अब तूल पकड़ता जा रहा है। मुस्लिम समुदाय में इस कानून को लेकर तीव्र असंतोष देखने को मिल रहा है। शुक्रवार को देश के कई हिस्सों—कोलकाता, मुंबई, श्रीनगर और भोपाल—में मुसलमानों ने सड़कों पर उतरकर जमकर विरोध प्रदर्शन किया।


छात्रों से लेकर राजनीतिक नेताओं तक—हर कोई मैदान में

कोलकाता के आलिया यूनिवर्सिटी के छात्रों ने कैंपस के भीतर मार्च निकालते हुए कानून को "भेदभावपूर्ण" बताया और इसे तत्काल रद्द करने की मांग की। छात्रों ने नारेबाज़ी करते हुए कहा कि ये कानून मुस्लिम समुदाय की सम्पत्तियों और अधिकारों को हड़पने की साज़िश है।



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मुंबई में AIMIM का विरोध, वारिस पठान को पुलिस ने उठाया

मुंबई के बायकुला की चिश्ती हिंदुस्तानी मस्जिद में जुमे की नमाज़ के बाद AIMIM कार्यकर्ताओं ने वक्फ कानून के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। इस दौरान पार्टी नेता वारिस पठान को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

पुलिस का कहना है कि प्रदर्शन की कोई अनुमति नहीं थी, लेकिन प्रदर्शनकारियों का दावा है कि उनका विरोध शांतिपूर्ण था और उन्हें "अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता" के तहत रोका नहीं जाना चाहिए था।



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वारिस पठान बोले – "यह काला कानून है, हम चुप नहीं बैठेंगे"

हिरासत में लिए जाने से पहले वारिस पठान ने कहा,

"बायकुला मस्जिद के ट्रस्टियों ने हमें मोदी सरकार की ओर से लाए गए काले वक्फ कानून के खिलाफ बुलाया था। हमारा विरोध शांतिपूर्ण है और तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार इस कानून को कृषि कानूनों की तरह वापस नहीं ले लेती।"

उन्होंने बताया कि इस मामले की अगली सुनवाई 16 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में होने वाली है और पूरे देश के मुस्लिम संगठन उस पर नजर बनाए हुए हैं।




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क्या है नया वक्फ कानून?

सरकार द्वारा पारित नया वक्फ कानून, वक्फ सम्पत्तियों की निगरानी और अधिग्रहण के नियमों को बदलता है। मुस्लिम संगठनों का आरोप है कि इसके जरिए मस्जिदों, कब्रिस्तानों और मदरसों की जमीनों पर राज्य का नियंत्रण बढ़ाया जा रहा है।

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी कानून पर गंभीर आपत्ति जताते हुए इसे "एकतरफा और अल्पसंख्यक विरोधी" करार दिया है।


निष्कर्ष

नया वक्फ कानून अब केवल राजनीतिक बहस का मुद्दा नहीं रह गया, बल्कि यह सड़क से सुप्रीम कोर्ट तक का मामला बन चुका है। देखना होगा कि 16 अप्रैल को देश की सर्वोच्च अदालत इस पर क्या रुख अपनाती है और सरकार इस बढ़ते विरोध को कैसे हैंडल करती है।


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