We News 24 Hindi / सुजीत कुमार विस्वास
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की राजनीति का केंद्र बन चुके नंदीग्राम में रामनवमी के दिन एक नया अध्याय जुड़ा। बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता और भाजपा विधायक सुवेंदु अधिकारी ने पूर्वी मेदिनीपुर के सोनाचुरा गांव में राम मंदिर की आधारशिला रखी। यह वही गांव है जहां 2007 में भूमि अधिग्रहण आंदोलन के दौरान गोली लगने से सात लोगों की मौत हुई थी — आंदोलन जिसने ममता बनर्जी को राज्य की राजनीति में नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया।
धार्मिक प्रतीक, राजनीतिक संदेश
सुवेंदु अधिकारी भगवा परिधान में शहीद मीनार से प्रस्तावित मंदिर स्थल तक पहुंचे और वहां एक भव्य रामनवमी रैली की अगुवाई की। समर्थकों ने पूरे उत्साह के साथ “जय श्री राम” के नारे लगाए। राम मंदिर की नींव उसी जमीन पर रखी गई जहाँ कभी राजनीतिक संघर्ष की चिंगारी सुलगी थी।
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टीएमसी बनाम बीजेपी का धर्म-राजनीति संतुलन
सुवेंदु अधिकारी के इस कदम के ठीक कुछ दिन बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पूर्व मेदिनीपुर के ही दीघा में जगन्नाथ मंदिर का उद्घाटन करेंगी। इससे यह स्पष्ट है कि बंगाल में अब धार्मिक गतिविधियाँ भी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा बनती जा रही हैं।
रामनवमी रैलियों में भाजपा नेताओं की मौजूदगी
हावड़ा में अंजनी पुत्र सेना के रामनवमी जुलूस में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार भी शामिल हुए। प्रशासन ने इस दौरान सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए थे। सुकांत ने इस मौके पर कहा:
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"भगवान राम सभी के हैं — सीपीएम, टीएमसी के लोग भी जुलूस में आ सकते हैं, उन्हें कौन रोक रहा है?"
उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि भगवान श्री राम राजनीति से परे हैं और उनका उत्सव किसी दल की जागीर नहीं है।
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भाजपा का 45वां स्थापना दिवस
भारतीय जनता पार्टी आज अपना 45वां स्थापना दिवस मना रही है। दुनिया की सबसे बड़ी सियासी पार्टी भाजपा की स्थापना 1980 में हुई थी। 2014 के आम चुनाव में भारी जीत के बाद से पार्टी लगातार केंद्र की सत्ता पर बनी हुई है।:
“श्री राम भारत के दिल और आत्मा में बसते हैं। उनका संबंध केवल चुनावी राजनीति से नहीं, हमारी संस्कृति से है।”
रामनवमी के मौके पर बंगाल में धार्मिक आस्था के साथ-साथ राजनीतिक हलचल भी साफ नजर आई। नंदीग्राम, जो कभी जमीन के लिए हुए संघर्ष का गवाह था, अब राम मंदिर के निर्माण से आस्था और राजनीति का संगम स्थल बनता दिख रहा है।
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