We News 24 Hindi रिपोर्ट: अमिताभ मिश्रा
पटना:- 11 अप्रैल 2025 को पटना में कांग्रेस के "पलायन रोको, नौकरी दो" पदयात्रा के दौरान भारी हंगामा हुआ। पुलिस ने कन्हैया कुमार समेत कई कांग्रेस नेताओं को हिरासत में लिया और प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज व वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। यह घटना तब हुई जब कांग्रेस कार्यकर्ता सीएम आवास घेराव करने पहुंचे थे ।
प्रमुख बिंदु
1. क्यों हुआ प्रदर्शन?
कांग्रेस ने 16 मार्च से बिहार में बेरोजगारी और पलायन के खिलाफ पदयात्रा शुरू की थी, जिसका समापन आज सीएम नीतीश कुमार को ज्ञापन सौंपने के साथ होना था ।
कन्हैया कुमार ने कहा कि "बिहार की जनता बेरोजगारी से त्रस्त है और मजबूरी में पलायन कर रही है" ।
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2. पुलिस कार्रवाई और हिरासत
पुलिस ने सदाकत आश्रम से निकलते ही कन्हैया कुमार को रोक दिया और उन्हें कोतवाली थाने ले जाया गया ।
युवा कांग्रेस अध्यक्ष उदय भानू चिब और शिव प्रकाश गरीब दास समेत कई नेताओं को भी गिरफ्तार किया गया ।
प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया गया और वाटर कैनन से भीड़ को तितर-बितर किया गया।
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3. कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि नीतीश सरकार युवाओं की समस्याओं को अनसुना कर रही है और पुलिस कार्रवाई लोकतांत्रिक विरोध को दबाने का प्रयास है ।
पार्टी का दावा है कि 5,000 से अधिक कार्यकर्ता प्रदर्शन में शामिल हुए थे।
4. पुलिस का पक्ष
पटना पुलिस ने कहा कि अनुमति के बिना सीएम आवास घेराव अवैध था और कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई की गई ।
अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए थे ताकि हिंसा न फैले।
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राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
कांग्रेस ने इस घटना को "लोकतंत्र पर हमला" बताया और जेल भरो आंदोलन की धमकी दी।
जेडीयू-भाजपा गठबंधन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस हिंसा भड़काकर सियासी फायदा उठाना चाहती है।
पटना में आज का प्रदर्शन बिहार की बेरोजगारी और पलायन की समस्या को लेकर उठे सवालों को उजागर करता है। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार युवाओं की बात नहीं सुन रही, जबकि प्रशासन का कहना है कि अराजकता रोकने के लिए कार्रवाई जरूरी थी। आने वाले दिनों में इस मामले में और राजनीतिक तनाव बढ़ने की आशंका है।
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