We News 24 Hindi / दीपक कुमार
नई दिल्ली:- दिल्ली में आयोजित सरदार महाराजा पापन्ना गौड़ की 315वीं पुण्य स्मृति बलिदान दिवस समारोह में श्रद्धांजलि एवम पुषपांजलि अर्पित की गई। सभी अतिथियों का स्वागत किया गया।
इस आयोजन में कई गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री श्रीपाद येसो नाइक जी एवम अन्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर और पुष्पांजलि अर्पित कर कार्यकम का उद्घाटन किया , इस कार्यकम साऊथ के लोकप्रिय अभिनेता सुमन तलवार , तेलंगाना सरकार के कई कैबिनेट मंत्री श्री पुन्नम प्रभाकर गौड़ , श्री निवासन गौड़ सहित कई विधायक, दक्षिण भारत के कुछ गणमान्य महानुभाव , एडवोकेट शैलेन्द्र जायसवाल समेत कई गण्यमान लोगो ने भाग लिया ।
समाज सिरमौर केन्द्रीय मंत्री श्रीपाद येसो नाइक जी सरदार महाराजा पापन्ना गौड़ की जीवन पर प्रकाश डाला एवम कलवार ,कलाल ,कलार, कल्चुरी समाज को एकजुट होने के लिए आवश्कता पर बल दिया। समारोह का संचालन डा.रामा राव गौड़ , राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्री राजा नाडार, राष्ट्रीय संयोजक ने किया ।
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दिल्ली जयसवाल समाज के अग्रणी और अपने समुदाय के उत्थान के लिए हमेशा तत्पर रहने वाले एडवोकेट शैलेंद्रे जायसवाल अध्यक्ष दिल्ली एनसीआर एवम राष्ट्रीय महासचिव, अखिल भारतीय जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा ने समाज के अन्य शिरोमणि के साथ साथ अपने आराध्य भगवान राजराजेश्वर सहस्त्राजून एवम कुलदेवता श्री बलभद्र महाराज एवं दक्षिण भारत के शिवाजी महाराज जैसे प्रसिद्ध, प्रतापी सरदार महाराजा पापन्ना गौड़ के जीवन और संघर्ष तथा गोलकुंडा क़िला विजय के बारे में जानकारी दी थी , उन्होंने कलवार समाज के सभी वर्गों को एकजुट होने का आह्वान किया उन्होंने अपने मंतव्य में कहा की हमारी जाती अलग-अलग राज्यों में अकग-अलग उपजाति के नामो से जाना जाता है अब समय आ गया है की हम सभी को एक होने की और जरुरत है . संगठन में ही शक्ति निहित है।
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इस कार्यक्रम के दक्षिण भारत के कलवार कलचुरी समाज के जाने माने एक्टर सुमन तलवार भी शामिल थे .सुमन तलवार एक तुलु-भाषी बिल्लव परिवार से आते हैं. उनका जन्म वर्तमान तमिलनाडु के मद्रास में हुआ था. सुमन तलवार एक भारतीय फ़िल्म अभिनेता हैं. वे तेलुगु सिनेमा में अपने काम के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने तमिल, मलयालम, और कन्नड़ फ़िल्मों में भी काम किया है.उन्होंने अक्षय कुमार की फिल्म ‘गब्बर इज बैक’ में दिग्विजय पाटिल और रजनीकांत की ‘शिवाजीः द बॉस’ में आदिशेषन का किरदार निभाया है।
दक्षिण भारतीय फिल्म जगत में सुमन तलवार एक बड़ा नाम है। उनका जन्म 28 अगस्त, 1959 को आंध्र प्रदेश के कलचुरी परिवार मे हुआ था। वह श्री सुशील चंदर और स्व. श्रीमती केसरी चंदर के इकलौते पुत्र थे। उनकी माताजी की मातृभाषा तुलु थी लेकिन वह तेलुगू, तमिल, कन्नड और हिंदी धाराप्रवाह बोल सकती थीं, और माताजी की तरह सुमन भी कई भाषाओं के जानकार हैं। सुमन का विवाह श्रीमती शिरिषा से हुआ है जो टॉलीवुड के जाने-माने पटकथा लेखक श्री डीवी नरसा राजु की पौत्री हैं। उनकी एक बेटी अकिलाजा प्रत्युषा है। यही नहीं, सुमन कराटे ने शोटोकन कराटे एसोसिएशन (जापान कराटे एसोसिएशन से सबद्ध) से ‘ब्लैक बेल्ड फर्स्ट डेन’ हासिल की है। वह आंघ्र प्रदेश कराटे एसोसिएशन के अध्यक्ष भी हैं।.
कलवार समुदाय का इतिहास
कलवार जाती का सम्बन्ध हैहय वंश से जुड़ा है , हैहय वंशी क्षत्रिय थे,इसके पीछे इतिहास है,वेदों और हरिवंश पुराण में प्रमाण मिलता हैं की कलवार वंश का उत्पति भारत के महान चन्द्र वंशी क्षत्रिय कुल में हुआ हैं. इसी वंश में कार्तवीर्य,सहस्त्रबाहू जैसे वीर योद्धा हुए सहस्त्रबाहू के विषय में एक कथा यह भी प्रचलित है कि इन्ही से राजा यदु से यदुवंश प्रचलित है , जिसमे आगे चलकर भगवन श्री कृष्णा एवं बलराम ने जन्म लिया था. इसी चन्द्रवंशी की संतान कलवार हैं |
भारत वर्ष में जाति प्रथा आदि काल से चली आ रही हैं, समाज की वर्ण और व्यवस्था आज जातियों व उपजातियो में बिखर चुकी हैं,दिन प्रतिदिन यह बिखरती जा रही हैं, भारत को संपूर्ण रूप से देखें, जहां विभिन्न समुदायऔर वर्ण व्यवस्था हैं और सबको अपने समुदाय से लगाव है | पर हमारी कलवार वैश्य समुदाय विभिन्न वर्गों में बट चुकी है , जैसे कपूर, खन्ना, मल्होत्रा, मेहरा, सूरी, भाटिया , कोहली, खुराना, अरोरा, अग्रवाल , वर्णवाल, लोहिया , अहलूवालिया, वालिया, तलवार ,गौड़ ,बाथम, शिवहरे, माहुरी, शौन्द्रिक, साहा, गुप्ता, महाजन, कलाल, कराल, कर्णवाल, सोमवंशी, सूर्यवंशी, जैस्सार, जायसवाल, व्याहुत, चौधरी, प्रसाद, भगत आदि
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कलवार , कलाल या कलार एक भारतीय जाति है जो ऐतिहासिक रूप से बिहार ,बंगाल ,झारखंड , उत्तर प्रदेश , राजस्थान , पंजाब , हरियाणा , जम्मू और कश्मीर और उत्तर और मध्य भारत के अन्य भागों में पाई जाती है । दक्षिण भारत कल्लर (या कल्लन, जिसे पहले कोलरीज़ के नाम से जाना जाता था .कल्लर एक तमिल शब्द है ।
इस प्रकार, कलवार जाति की उत्पत्ति और विकास का इतिहास भारतीय समाज की विविधता और परिवर्तनशीलता का प्रतीक है, जिसमें विभिन्न कालखंडों में सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों के अनुसार समुदायों ने अपने अस्तित्व और पहचान को बनाए रखने के लिए परिवर्तन किए हैं।
समारोह में अन्य प्रमुख समाजसेवी में श्री शीशपाल अहलूवालिया हरियाणा , श्री राजीव जायसवाल दिल्ली, श्री बृजेश जायसवाल, श्री मूलचंद पावर पूर्व आई जी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
कलवार जाति के तीन बड़े हिस्से हूए हैं,वे हैं प्रथम पंजाब दिल्ली के खत्री, अरोरे कलवार, यानि की कपूर, खन्ना, मल्होत्रा, मेहरा, सूरी, भाटिया , कोहली, खुराना, अरोरा, इत्यादि, दूसरा हैं राजपुताना के मारवाड़ी कलवार याने अगरवाल, वर्णवाल, लोहिया आदि. तीसरा हैं देशवाली कलवार जैसे अहलूवालिया, वालिया, बाथम, शिवहरे, माहुरी, शौन्द्रिक, साहा, गुप्ता, महाजन, कलाल, कराल, कर्णवाल, सोमवंशी, सूर्यवंशी, जैस्सार, जायसवाल, व्याहुत, चौधरी, प्रसाद, भगत आदि. कश्मीर के कुछ कलवार बर्मन, तथा कुछ शाही उपनाम धारण करते हैं, झारखण्ड के कलवार प्रसाद, साहा, चौधरी, सेठ, महाजन, जायसवाल, भगत, मंडल, आदि प्रयोग करते हैं. नेपाल के कलवार शाह उपनाम का प्रयोग करते हैं. जैन पंथ वाले जैन कलवार कहलाये.
समय के साथ, विभिन्न क्षेत्रों में कलवार जाति के लोगों ने विभिन्न उपनामों को अपनाया है। इन उपनामों की एक सूची निम्नलिखित है:
अ: अहलूवालिया, अग्रवाल, अरोरा
क: कपूर, कराल, कर्णवाल, कोहली, खन्ना, खरीदाहा, कलाल, गुप्ता, खुराना, कलवार
ग: गौड़
च: चौधरी
ज: जसवार, जयसवाल, जायसवाल
त: तलवार
द: देसवार
ब: बनौधिया, बाथम, बहिष्कृत, ब्याहुत, भाटिया, भगत
म: माहुरी, महाजन, मल्होत्रा, मेहरा
स: साहा, सूर्यवंशी, सोमवंशी, सूरी, शौन्द्रिक, शिवहरे
व: वालिया, वर्णवाल, व्याहुत
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