We News 24 Hindi / मिडिया रिपोर्ट:
US Protest: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने ही देश में लोगों का विरोध झेल रहे हैं, अमेरिका में एक बार फिर जनता का गुस्सा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ फूट पड़ा है। कुछ महीने पहले ही भारी बहुमत से दोबारा राष्ट्रपति बने ट्रंप आज देशभर में विरोध प्रदर्शन का सामना कर रहे हैं। सिर्फ अमेरिका में ही नहीं, बल्कि यूरोप के कई देशों में भी उनके खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन हो रहे हैं।
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क्यों हो रहा विरोध?
भारी-भरकम टैरिफ नीतियां:ट्रंप प्रशासन की आक्रामक टैरिफ पॉलिसियों से अमेरिका और अन्य देशों की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है, जिसके चलते शेयर बाजारों में उथल-पुथल मची है।
छंटनी और बेरोज़गारी: ट्रेड नीतियों के चलते कई बड़ी कंपनियों ने छंटनी शुरू कर दी, जिससे मजदूर वर्ग में गुस्सा बढ़ा है।
सामूहिक डिपोर्टेशन नीति:ट्रंप सरकार की कठोर इमिग्रेशन नीतियों, विशेषकर डिपोर्टेशन को लेकर भारी असंतोष है।
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मानवाधिकार उल्लंघन के आरोप: महिलाओं, एलजीबीटीक्यू समुदाय, और प्रवासियों के अधिकारों पर हमले का आरोप लगाते हुए कई सामाजिक संगठन ट्रंप के खिलाफ एकजुट हुए हैं।
1200+ जगहों पर विरोध प्रदर्शन पूरे अमेरिका के 50 राज्यों में ट्रंप के खिलाफ विरोध हो रहा है। 5 अप्रैल से शुरू हुए इस आंदोलन में ‘हैंड्स-ऑन’ प्रोटेस्ट के नाम से लोग सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।प्रदर्शनकारियों का मुख्य संदेश – "हमारे अधिकारों से दूर रहो"। शनिवार को हुई रैलियों में 6 लाख से ज्यादा लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया, और 1400 से ज्यादा रैलियां निकाली गईं।
‘ट्रंप-मस्क गो बैक’ लगे के नारे :इन प्रदर्शनों में ट्रंप के साथ-साथ एलन मस्क को भी निशाना बनाया गया है। लोगों का मानना है कि मस्क जैसे उद्योगपति ट्रंप की नीतियों से फायदा उठा रहे हैं और गरीबों, श्रमिकों के हितों की अनदेखी हो रही है।
कहां-कहां हुए बड़े प्रदर्शन?
वाशिंगटन डीसी (नेशनल मॉल)
न्यूयॉर्क (मैनहट्टन)
बॉस्टन,
सैन फ्रांसिस्को, और दर्जनों अन्य प्रमुख शहरों में विशाल प्रदर्शन देखने को मिला।
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निष्कर्ष
राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों ने चुनाव जीतने के कुछ ही महीनों में जनता का भरोसा खोना शुरू कर दिया है। बेरोज़गारी, आर्थिक अस्थिरता, और मानवाधिकार हनन के मुद्दे पर लोग अब सड़कों पर उतर आए हैं। इस विरोध से साफ है कि जनता सिर्फ वोट नहीं देती, जवाबदेही भी मांगती है।
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