We News 24 Hindi / दीपक कुमार
नई दिल्ली 01 अप्रेल 2024 :- कल बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक लोकसभा में पेश किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक दोपहर 12 बजे विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद है। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में विधेयक को पेश करने की जानकारी दी गई। विपक्ष ने इस पर 12 घंटे चर्चा की मांग की, जबकि सरकार ने 8 घंटे का समय निर्धारित किया है। इस बीच, भाजपा (BJP) ने अपने सभी सांसदों के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी कर उन्हें सदन में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
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वक्फ बोर्ड में सुधार की जरूरत: सीएम योगी आदित्यनाथ
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर अच्छे काम का विरोध होता है, और वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध भी उसी तरह किया जा रहा है। उन्होंने सवाल किया कि क्या वक्फ बोर्ड ने मुसलमानों के कल्याण के लिए कुछ किया है?
योगी जी का कहना था कि वक्फ बोर्ड निजी स्वार्थ और सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे का साधन बन गया है, इसलिए इसमें सुधार की आवश्यकता है।
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विपक्ष की चिंताएं और सवाल
बीजू जनता दल (बीजद) के सांसद सस्मित पात्रा ने कहा कि अभी तक विधेयक की प्रतियां वितरित नहीं की गई हैं, जिससे बीजद की गंभीर चिंताएं हैं। उन्होंने कहा कि यह चिंता का विषय नहीं है कि जेपीसी की बैठक हुई, बल्कि यह है कि विपक्ष की आवाज पर विचार किया गया या नहीं।
आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के सांसद चंद्रशेखर ने कहा कि अगर केंद्र सरकार तैयार है तो हम भी लोहा लेने को तैयार हैं। सांसद चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार की कथनी और करनी में फर्क है और संविधान का अनुच्छेद 25 धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है। उन्होंने चेतावनी दी कि धार्मिक आजादी पर अतिक्रमण का विरोध किया जाएगा।
कांग्रेस और एआईएमआईएम ने इसे असंवैधानिक बताया है और अनुच्छेद 14, 25, 26, और 29 का उल्लंघन माना है .आईयूएमएल ने इसे "वक्फ की जमीनें छीनने की साजिश" बताया । समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा का यह कदम वोट बैंक राजनीति से प्रेरित है
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विधेयक पर सत्तापक्ष का पक्ष
शिवसेना सांसद मिलिंद देवड़ा ने कहा कि वक्फ संशोधन विधेयक अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों के हित में है। उन्होंने CAA (नागरिकता संशोधन अधिनियम) का उदाहरण देते हुए कहा कि 2019 में विपक्ष ने भ्रम फैलाया कि इससे मुसलमानों की नागरिकता छीनी जाएगी, जबकि पिछले पांच साल में एक भी मुसलमान की नागरिकता नहीं गई।
मिलिंद देवड़ा ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर भी विपक्ष ने कहा था कि यह कश्मीरी मुसलमानों के खिलाफ है, जबकि इसका सबसे ज्यादा फायदा कश्मीरियों को हुआ है। उन्होंने भारतीय मुसलमानों को तुष्टिकरण नहीं, बल्कि सशक्तिकरण की जरूरत बताई और विश्वास दिलाया कि यह विधेयक मुसलमानों को सशक्त करेगा।
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विश्लेषण और निष्कर्ष
विधेयक की बारीकियां: अभी तक विधेयक की प्रतियां वितरित नहीं हुई हैं, जिससे कई दल चिंतित हैं।
सरकार और विपक्ष में टकराव: सरकार और विपक्ष के बीच चर्चा के समय को लेकर मतभेद है।
धार्मिक स्वतंत्रता और सशक्तिकरण: सरकार का दावा है कि यह विधेयक सशक्तिकरण के लिए है, जबकि विपक्ष इसे धार्मिक स्वतंत्रता पर अतिक्रमण मानता है।
नैरेटिव का खेल: मिलिंद देवड़ा ने विपक्ष पर फर्जी नैरेटिव चलाने का आरोप लगाया है।
आने वाले दिनों में इस विधेयक पर होने वाली चर्चा और फैसले पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी। क्या यह सुधार साबित होगा या विवाद का विषय बनेगा, यह देखना बाकी है।
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